जीवनशैली में आ रहे बदलाव तनाव और मानसिक रोग का बड़ा कारण: डॉ. अग्रवाल

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कोटा। रोटरी क्लब राउंडटाउन, होप सोसायटी और अग्रवाल न्यूरो साइकेट्री सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल लोटस अनंता में मानसिक स्वास्थ्य पर सेमीनार आयोजित की गई।

समारोह में देशभर से आए विभिन्न मनश्चिकित्सकों ने “मेन्टल हेल्थ वेल बीइंग” व आत्महत्या के कारण – निवारण एवं मेन्टल हेल्थ आपदाओं – सेवाओं और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच” से सम्बंधित विषय पर संबोधित किया।

इस दौरान इंडियन साइक्रेटरी सोसाइटी की भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ. इंद्रा शर्मा, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रियल साइक्रेटियल ऑफ इंडिया की प्रेसीडेंट मनोचिकित्सा विभाग बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बनारस की पूर्व विभागाध्यक्ष, पूर्व साइंटिस्ट एएफएमसी, अमीटी यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर डॉ. कल्पना श्रीवास्तव, डॉ. वनिता मित्तल मैक्स हॉस्पिटल, डॉ. एमएल अग्रवाल वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ प्रेसीडेंट होप सोसाइटी, डॉ. गीता बंसल वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ कोटा व डॉ. ऐश्वर्या मित्तल गाजियाबाद समेत अन्य वक्ता व पैनेलिस्ट थे।

इस अवसर पर सबसे ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य कार्य करने वाली संस्थाओं, प्रशोत्तरी में विजेताओं व सबसे ज्यादा उपस्थिति वाले रोटरी क्लब को भी सम्मानित किया गया।

डॉ. कल्पना श्रीवास्तव ने “भारत में आपात परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच” विषय पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेंटल डिसेबिलिटी से ग्रस्त व्यक्ति को स्पेशल अवेयरनेस की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा कि अध्ययनों में कई प्रकार की गंभीर और क्रोनिक बीमारियों जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप आदि के लिए भी तनाव-चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य विकारों को एक कारण माना गया है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को तभी सेहतमंद और फिट रखा जा सकता है जब आप मानसिक तौर पर पूरी तरह से स्वस्थ होंगे।

डॉ. इंद्रा शर्मा ने सुसाइड प्रिवेंशन इन स्टूडेंट्स पर संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर छाए रहने की सनक युवाओं को मनोरोगी बना रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ही विभिन्न वीडियो एप भी युवाओं के दिलोदिगाम पर हावी हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर दो घंटे से ज्यादा बिताना मनोरोग का संकेत है।

डाॅ. एमएल अग्रवाल ने कहा कि जीवनशैली में आ रहे बदलाव तनाव और मानसिक रोग का बड़ा कारण हैं। मानसिक रोगियों को अंधविश्वासों और ढोंगी तांत्रिक बाबा से बचाकर उनका उपचार कराया जाना चाहिए। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त तनाव एवं घोर निराशा पूर्ण वातावरण के कारण मानसिक रोगियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी चिंता का विषय है।

उन्होंने बताया कि अकारण ही उदासी, हताशा, एकांतवास, निद्रा का अभाव, रोने की इच्छा तथा याददाश्त में कमी के साथ आत्महत्या का विचार मन में आना आदि मानसिक रोगों के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे मानसिक रोगियों को तांत्रिकों और ढोंगी बाबाओं के पास ले जाने से बेहतर है कि उन्हें मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं और उनका समय रहते उपचार कराएं।

डॉ. वनिता मित्तल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज वैश्विक समस्या का रूप धारण कर चुका है। इसमें सबसे अधिक दिक्कत यह सामने आ रही है कि मानसिक अस्वस्थता से जूझ रहे 85 प्रतिशत लोग इलाज को आगे ही नहीं आते हैं।

डॉ. गीता बंसल ने कहा कि मित्रों के बीच समय बिताना और परिवार के लिए समय निकालना जरुरी है। महिलाओं के जीवन में अनेक पड़ाव आते हैं। जब उसके व्यवहार में बदलाव आता है। महिलाओं में हारमोनल परिवर्तन भी व्यावहारिक परिवर्तन के कारण बन सकते हैं। महिलाएं खुद का ध्यान रखेंगी तो सबका ध्यान रख पाएंगी।

डॉ. अरूणा अग्रवाल ने कहा कि बच्चे या महिला के व्यवहार में बदलाव अधिक समय तक दिखे तो यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। शुरूआती दौर में समस्या का निदान ज्यादा आसान होता है।

जानकारी का अभाव, शर्म, हिचक, डर और सामाजिक बहिष्कार जैसी सोच के साथ ही ऐसे मरीजों में घर-परिवार द्वारा देखभाल में कमी होना इसके प्रमुख कारण हैं।

रोटरी क्लब जिला 3056 की प्रांतपाल प्रज्ञा मेहता ने कहा कि मेंटल हेल्थ को लेकर बहुत भ्रांतियां हैं, इसे ब्रेन हेल्थ माना जाना चाहिए। डॉ. अरुणा अग्रवाल, डॉ. अभय बजाज, गौरव सूद, प्रद्युमन पाटनी, विनीत बख्शी, भव्या शर्मा, ऐश्वर्या मित्तल पैनलिस्ट के रुप में मौजूद रहे।

सेमीनार में चेयरपर्सन डॉ. अरुणा अग्रवाल वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, सेमिनार के सेक्रेटरी रामगोपाल अग्रवाल वरिष्ठ समाजसेवी, रोटरी क्लब राउंड टाउन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, डॉ. अविनाश बंसल, असिस्टेंट गवर्नर डॉ रोशनी मिश्रा, सेक्रेटरी होस्ट क्लब डीसी जैन, जोन चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, नीरा अग्रवाल मौजूद रहे।