जीन के विकास में असंतुलन से लोग मानसिक मंदता से पीड़ित होते हैं: डॉ. नीना

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कोटा। Mental Retardation: मनोचिकित्सक नीना विजयवर्गीय द्वारा रविवार को मानसिक मंदता विषय पर आयोजित कार्यशाला में मानसिक मंदता, इसके स्तर, कारण, इससे जुड़ी गलतफहमियां और तथ्य, निदान, इलाज के उपाय आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि मानसिक मंदता अधूरा मानसिक विकास है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में मंदबुद्धि भी कहा जाता है। ऐसे लोगों के कार्य करने की क्षमता सामान्य लोगों की तुलना में कम होती है। मानसिक रूप से मंद वे लोग होते हैं जिनका बुद्धि का सामान्य विकास जन्म से पहले, जन्म प्रक्रिया के दौरान या विकास के शुरुआती वर्षों में रुक जाता है या असंतुलित विकास होता है।

उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से मंद व्यक्ति की सीखने-समझने की क्षमता, निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की क्षमता, अपनी देखभाल करने और प्रभावी तरीके से बात करने की क्षमता आदि सामान्य लोगों से कम होती है।

इसके लक्षणों में अन्य बच्चों की तुलना में देर से बैठना, रेंगना या चलना, याददाश्त संबंधी समस्याएं, जिज्ञासा में कमी, स्वयं की देखभाल करने में असमर्थता, कम सहनशीलता, गुस्सा या आक्रामकता, सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना आदि शामिल हैं।

इसके कारणों में जीन के विकास में असंतुलन, सिर पर चोट, बीमारी, ज़हरीले पदार्थों का जाने-अनजाने में सामना, पोषण में कमी आदि शामिल हैं। विश्व में प्रत्येक 100 में लगभग 3 व्यक्ति मानसिक मंदता से पीड़ित हैं। इसके उपचार में लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाईयां, काउंसलिंग, बिहेवियर थेरेपी आदि आते हैं।

साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि किस तरह से बच्चे में मानसिक मंदता होने से बचाव किया जा सकता है, जैसे शिशुओं में समय से टीकाकरण, सिर पर चोट से बचाव के उपाय, अच्छे से भरण पोषण, ज़हरीले पदार्थों के संपर्क से बचना आदि शामिल हैं।