चांदी ने रचा इतिहास, MCX पर पहली बार भाव 1.91 लाख रुपए प्रति किग्रा के पार

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नई दिल्ली। Silver Price Hike Today: चांदी की कीमतों ने लगातार दूसरे दिन इतिहास रच दिया। MCX पर पहली बार इसकी कीमत 1.91 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के पार चली गई। बुधवार, 10 दिसंबर को चांदी ने एक झटके में पिछले दिन का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया।

मंगलवार, 9 दिसंबर को चांदी ने 1,88,800 रुपए पर पहुंचकर नया रिकॉर्ड (Silver price all time high record) बनाया था, जो बुधवार को वायदा बाजार खुलते ही टूट गया।

दिलचस्प बात यह है कि चांदी ने IBJA पर भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसकी कीमत 1,86,350 रुपए प्रति किलोग्राम (silver rate today) के पार पहुंच गई। लेकिन बड़ा सवाल अब यह है कि आखिर चांदी में अचानक इतनी तेजी आई क्यों? इसे लेकर कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केड़िया ने कई वजह बताईं।

MCX पर टूटा रिकॉर्ड
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर मंगलवार रात 9 से 10 बजे चांदी में अचानक तेजी आई और देखते ही देखते इसकी कीमत 1,88,800 के पार चली गई। एक घंटे में चांदी की कीमत 6000 से ज्यादा महंगी हो गई। खास बात यह है कि दूसरे दिन यानी बुधवार को सुबह मार्केट खुलते ही चांदी ने फिर रफ्तार दिखाई और पिछले दिन के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। चांदी 1,91,800 रुपए प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई। खबर लिखे जाने तक चांदी 1,90,244 रुपए पर ट्रेड कर रही थी। इस दौरान दिन का हाई लेवल 1,91,800 और लो लेवल 1,88,800 रुपए (silver price today) रहा। इसमें 1.16 फीसदी की तेजी देखने को मिली।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) पर चांदी 9296 रुपए महंगी होकर 1,86,350 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई, जहां पिछले दिन की कीमत 1,77,054 रुपए थी। खास बात यह है कि 10 नवंबर को चांदी की कीमत 1,51,643 रुपए प्रति किलोग्राम थी। यानी साफ शब्दों में कहें तो सिर्फ एक महीने में चांदी 34,707 रुपए महंगी हो चुकी है।

एक्सपर्ट ने बताईं तेजी की वजह
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया के अनुसार, चांदी की रफ्तार के पीछे कई ग्लोबल फैक्टर जिम्मेदार हैं। सबसे बड़ा कारण हौ- अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद। बाजार में यह मान लिया गया है कि फेड इस सप्ताह तिमाही पॉइंट की कटौती करेगा। यानी अगर फेड रेट कट होता है तो डॉलर कमजोर होता है, जिससे निवेशकों का रुझान सोना-चांदी की ओर बढ़ता है।

  1. फेड रेट कट की उम्मीदः दुनिया भर में निवेशक ब्याज दरें घटने पर सोना-चांदी जैसे ‘सेफ हेवन’ एसेट में पैसा लगाते हैं। यही कारण है कि स्पॉट मार्केट में चांदी पहली बार 61 डॉलर प्रति औंस पार पहुंच गई।
  2. फिजिकल सप्लाई की भारी कमीः ग्लोबल मार्केट में चांदी की फिजिकल उपलब्धता कम होती जा रही है, जिसके संकेत बढ़ती लीज रेट्स से मिलते हैं।
  3. इंडस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त उछालः चांदी की मांग तेजी से इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि यह अब सिर्फ ज्वैलरी या निवेश का साधन नहीं, बल्कि हाई-टेक इंडस्ट्री का मुख्य मेटल बन चुकी है। इसकी सबसे ज्यादा जरूरत इन क्षेत्रों में है।
  4. अमेरिका में संभावित टैरिफ का डरः डोनल्ड ट्रंप की नीति को लेकर आशंका है कि अमेरिका चांदी पर टैरिफ लगा सकता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियां स्टॉक बढ़ा रही हैं, जिससे बाकी देशों में सप्लाई और टाइट हो गई है।

2026 में 2.40 लाख के पार जाएगी चांदी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च हेड नवीन दमाणी के मुताबिक, सिल्वर की तेजी लंबी चलेगी, क्योंकि वैश्विक सप्लाई डेफिसिट लगातार बढ़ रहा है। उनका अनुमान है कि चांदी 2026 की पहली तिमाही में 2 लाख और अगले साल के अंत तक 2.4 लाख प्रति किलोग्राम (Silver Target Price 2026) तक जा सकती है। डॉलर कीमतों में भी चांदी 75 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।