चांदनी रात में हुए श्रीकृष्ण की 16 ललित कलाओं के मनमोहक दर्शन

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132वें राष्ट्रीय कोटा दशहरा मेला 2025 का महारास के साथ आगाज

कोटा। 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेला 2025 के उद्घाटन समारोह में सोमवार को श्रीराम रंगमंच पर श्रीकृष्ण महारास का भव्य आयोजन किया गया।

दिल्ली के भारत मयूर ग्रुप की ओर से महारास के साथ ही श्रीकृष्ण लीला की जीवंत प्रस्तुति दी। जिसमें श्रीकृष्ण जन्म, बधाई उत्सव, पूतना वध, बाल लीला, कालिया मर्दन, गोवर्धन लीला, राधा कृष्ण प्रेम लीला समेत विभिन्न प्रसंगों की जीवंत प्रस्तुति दी गई। भारत मयूर ग्रुप के 30 कलाकारों के दल प्रस्तुतियों से श्रीकृष्ण भक्तों के सामने लीला को सजीव कर दिया।

इस दौरान गणेश वंदना, दुर्गा स्तुति, डांडिया नृत्य और आरती भी की गई। चांदनी रात में श्रीकृष्ण की ललित कलाओं की भी जीवन्त प्रस्तुति हुई। इस दौरान भगवान विष्णु और लक्ष्मी के बैकुंठ में बैठे हुए दर्शन हुए तो दर्शकों ने जयकारों से आसमान गूंजा दिया। इसके बाद रामलीला की भी औपचारिक शुरुआत करते हुए आरती की गई।

महारास में कलाकारों ने भारतीय नृत्य शैली के माध्यम से भगवान कृष्ण के जीवन के हर तत्व को बड़े ही मनमोहक ढंग से दिखाया। विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक नृत्य नाटिका के द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान कृष्ण ब्रज वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद हम कृष्ण कथा का रसपान कराने आए हैं.. भजन के द्वारा श्री कृष्ण लीला का प्रारंभ हुआ।

कलाकारों ने कृष्ण जन्म के बाद यमुना पार करते हुए वासुदेव का चित्रण “बंदी गृह में जन्म लियो और पल भर वहां न ठहरियो..” भजन के साथ प्रस्तुति हुई तो हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की गूंज उठा। बधाई मैया यशोदा लाल की बधाई.. शुभ घड़ी आईं.. के द्वारा बधाई उत्सव मनाया गया। इसके बाद पूतना वध, बाल लीला, कालिया मर्दन, गोवर्धन लीला, राधा कृष्ण प्रेम लीला की भी प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर मेरे प्राण हैं गोपी कान्हा.. बनवारी ओ मोहन मुरारी.. निराली तेरी माया कन्हाई रे.. चारों धामों से निराला ब्रज धाम दर्शन कर ल्योजी.. मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो के द्वारा नृत्य नाटिका में सुंदर चित्रण किया।