चम्बल नदी पर बनेगा एक्वाडक्ट, निर्माण के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मिली स्वीकृति

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संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना, 2.3 किमी लम्बाई का होगा एक्वाडक्ट

जयपुर। Modified Parbati-Kalisindh-Chambal Link Project: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भागीरथी प्रयासों से महत्वाकांक्षी संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए मिशन मोड पर कार्य किए जा रहे हैं। परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत 9 हजार 400 करोड़ रुपए के कार्यादेश दिए जाकर योजना की क्रियान्विति शुरू हो गई है।

इसके प्रथम चरण के पैकेज-2 में 2 हजार 330 करोड़ रुपए से चम्बल नदी को पार करने के लिए नदी पर एक्वाडक्ट बनेगा। चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट करीब 2.3 किलोमीटर लम्बाई में बनेगा। यह एक छोर में पीपलदा समेल गांव और दूसरे छोर में गोहाटा गांव से जुड़ेगा।

एक्वाडक्ट के माध्यम से कालीसिंध से पानी लिफ्ट कर मेज नदी में छोड़ा जाएगा। साथ ही, नवनेरा बैराज से मेज एनिकट तक फीडर निर्माण कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। इसके लिए आवश्यक 328 हैक्टेयर भूमि अवाप्ति का अवार्ड शीघ्र जारी कर प्रभावितों को जल्द नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

वन्यजीव बोर्ड से स्वीकृति
एक्वाडक्ट निर्माण में वन्यजीव सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। साथ ही, 24.05 हैक्टेयर वन भूमि प्रत्यावर्तन की कार्यवाही अंतिम चरण में है। कार्यस्थल पर संबंधित एजेंसी द्वारा कैम्प स्थापित कर लिया गया है। चम्बल एक्वाडक्ट के लिए कास्टिंग यार्ड, बैचिंग प्लांट इत्यादि का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यों की मजबूती के लिए सर्वे और अनुसंधान पूर्ण कर डिजायन/ड्राइंग तैयार कर ली गई है।

जीवनदायिनी परियोजना से 17 जिलों को मिलेगा पानी
मुख्यमंत्री के निर्देशन में ईआरसीपी को वृहद रूप देते हुए संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी एकीकृत योजना (लगभग 90 हजार करोड़ रुपए) तैयार की गई है। परियोजना के प्रथम चरण में राज्य के 17 जिलों को पेयजल सुविधा के साथ ही उद्योगों के लिए जल उपलब्ध होगा।

उल्लेखनीय है कि वृहद् परियोजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने गठन के तुरंत बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से वार्ता कर सहमति पश्चात् संशोधित पीकेसी योजना का एमओयू जनवरी, 2024 में किया था। इसके बाद जयपुर में 17 दिसंबर, 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार के मध्य एमओए का आदान-प्रदान किया गया था। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

संशोधित पीकेसी का कार्य प्रगतिरत
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित पीकेसी का कार्य प्रगतिरत है। इसमें एक्वाडक्ट का निर्माण कार्य समयबद्ध और मजबूती से पूर्ण हो, इसकी सुनिश्चिता की जाएगी। हमारा प्रयास है कि परियोजना से पूर्वी राजस्थान को शीघ्र जल उपलब्ध हो।‘- सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री