मुम्बई। निकट भविष्य में चना का घरेलू बाजार भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ नरम रहने की संभावना है क्योंकि पर्याप्त आपूर्ति के बीच इसकी मांग कमजोर रह सकती है। तुवर तथा उड़द की कीमतों में भी ज्यादा तेजी-मंदी की धारणा नहीं है।
एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के अनुसार दाल-दलहन बाजार में ज्यादा हलचल नहीं दिखाई दे रही है जबकि आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति काफी हद तक सुगम बनी हुई है।
चना की अच्छी आपूर्ति से अन्य दलहनों की कीमतों पर भी दबाव पड़ रहा है। रबी सीजन में इसकी अच्छी बिजाई हो रही है और फसल की हालत भी संतोषजनक बनी हुई है।एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक तुवर के नए माल की आवक बढ़ रही है और उसी अनुपात में मिलर्स तथा व्यापारियों की खरीद भी हो रही है।
इसके फलस्वरूप तुवर की मांग एवं आपूर्ति के बीच काफी हद तक संतुलन बना हुआ है। जहां तक उड़द का सवाल है तो इसका दाम भी एक निश्चित सीमा में स्थिर रहने की उम्मीद है क्योंकि म्यांमार तथा ब्राजील से इसका आयात नियमित रूप से हो रहा है जबकि घरेलू मांग ज्यादा मजबूत नहीं है। ,
मकर संक्रांति एवं पोंगल जैसे पर्व से पहले चना की मांग में कुछ सुधार आ सकता है लेकिन ऑस्ट्रेलिया से होने वाला आयात इसकी कीमतों को ज्यादा ऊपर नहीं उठने देगा। मांग बढ़ने अथवा मौसम की हालत प्रतिकूल होने पर ही चना मसूर, उड़द एवं तुवर आदि की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद की जा सकती है।

