चना महंगा हुआ तो पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा बढ़ेगी

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नई दिल्ली। सरकार ने संकेत दिया है कि यदि देसी चना का घरेलू बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचा रहता है और बफर स्टॉक के लिए अपेक्षित मात्रा में इसकी खरीद संभव नहीं होती है तो पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि चना का एमएसपी इस बार 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि थोक मंडी भाव इसके आसपास या इससे ऊपर चल रहा है।

जिन मंडियों में दाम घटकर एमएसपी से नीचे आया है वहां इसकी सरकारी खरीद हो रही है मगर इसकी मात्रा कम एवं गति धीमी देखी जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों में इस बार 28 लाख टन चना खरीदने की स्वीकृति दी जा चुकी है। पीली मटर को देसी चना का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। दिसम्बर 2023 से ही देश में इसका शुल्क मुक्त आयात हो रहा है। इसकी समयावधि कई बार बढ़ाई गई।

अंतिम बार मार्च 2025 में इसके शुल्क मुक्त आयात की समयसीमा को 31 मई 2025 तक बढ़ाया गया। हालांकि उद्योग- व्यापार संगठन सरकार से पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 मई से आगे नहीं बढ़ाने तथा 1 जून 2025 से इस पर कम से कम 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने का आग्रह कर रहा है

ताकि इसका आयात मूल्य चना के एमएसपी के आसपास रह सके लेकिन सरकार का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता घरेलू बाजार में दाल-दलहनों की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने की है। चना की सरकारी खरीद का अभियान अभी जारी है।

यदि 20 मई तक खरीद में अच्छी प्रगति हुई तो पीली मटर पर आयात शुल्क लगाने की संभावना बढ़ जाएगी अन्यथा सरकार को मौजूदा आयात नीति को बरकरार रखने का निर्णय लेना पड़ सकता है। पीली मटर का आयात कनाडा एवं रूस सहित कुछ अन्य देशों में होता है। चना पर 11 प्रतिशत का आयात शुल्क पहले ही लगाया जा चुका है।