कोटा। प्रज्ञासागर मुनिराज के 37वें चातुर्मास के अंतर्गत गुरुवार को महावीर नगर प्रथम स्थित प्रज्ञालोक में गुरु मंत्र दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। गुरुदेव प्रज्ञासागर ने भक्तों को गुरु मंत्र देकर उन्हें संयम, साधना और आचार नियमों से जोड़ा तथा जिनशासन की वृद्धि में अग्रसर होने का संकल्प दिलाया।
समारोह में 120 से अधिक दम्पति सदस्य एवं बड़ी संख्या में एकल भक्त उपस्थित रहे। मंत्रोच्चारण के साथ शिष्यों को दीक्षा दी गई और उन्हें आध्यात्मिक जीवन के आदर्शों का पालन करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर आचार्यश्री ने अपने आशीर्वचन में कहा कि शिष्य वही सच्चा है, जो गुरु वचन को जीवन में उतारे और धर्म की सेवा को अपना कर्तव्य माने।
गुरू आस्था परिवार के महामंत्री नवीन जैन दौरया ने जानकारी दी कि 26 अक्टूबर को मुख्य कलश स्थापना का आयोजन गुरू आस्था परिवार अध्यक्ष लोकेश जैन सीसवाली के निवास पर किया जाएगा। इसी दिन चातुर्मास समापन समारोह का निष्ठापन कार्यक्रम भी संपन्न होगा।
प्रज्ञालोक में 23 अक्टूबर को भाईदूज पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर भाई–बहन कतारबद्ध होकर बैठे और बहनें कुमकुम से तिलक किया। यह कार्यक्रम पारिवारिक प्रेम, संवेदनशीलता और स्नेह का प्रतीक रहा।

