गुरु आस्था परिवार की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन, मदन हुम्मड़ बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
कोटा। गुरु आस्था परिवार कोटा के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का रविवार को कोरल पार्क बारां रोड स्थित सभास्थल पर समापन हुआ। अधिवेशन में देशभर से हजारों गुरुभक्तों ने सहभागिता की। यह आयोजन आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज संघ के सान्निध्य में संपन्न हुआ।
अधिवेशन के समापन सत्र में गुरुदेव प्रज्ञासागर मुनि महाराज ने गुरु आस्था परिवार की भावी नीतियों, संगठनात्मक रणनीतियों एवं समाजहितकारी योजनाओं पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि गुरु आस्था परिवार सेवा, संस्कार और संयम की भावना से कार्य करेगा तथा प्रत्येक राज्य में शीघ्र ही संगठनात्मक इकाइयों का गठन किया जाएगा।

अध्यक्ष लोकेश जैन ने बताया कि अधिवेशन के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि मनोज-नेहा जैसवाल परिवार तथा द्वितीय सत्र में विवेक काला ने भाग लिया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कोषाध्यक्ष अजय जैन एवं यतीश जैन खेडावाला ने सभी गुरुभक्तों का आभार व्यक्त किया।
महामंत्री नवीन जैन दौराया ने बताया कि गुरुदेव ने अंत में आह्वान किया कि “सेवा, संस्कार और एकता ही गुरु आस्था परिवार का वास्तविक ध्वज है,” और सभी को “तपोभूमि ऐप” से जुड़कर समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाने को आदेशित किया।गुरूदेव ने निर्मल पार्क में पौधारोपण भी किया।
नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन
गुरुदेव ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए मदन भाई हुम्मड़ को राष्ट्रीय अध्यक्ष, यतीश जैन खेडावाला को राष्ट्रीय महामंत्री, लोकेश जैन सीसवाली को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तथा अनिल जैन बनेठा और विवेक काला को संरक्षक नियुक्त किया। क्षेत्रीय अध्यक्षों में उज्जैन से संजय बडजात्या, गुजरात से चंद्रेश पारेख और दिल्ली से मनोज जैन को जिम्मेदारी सौंपी गई।
गुटखा एवं तंबाकू सेवन वालों पर रोक
अपने उद्बोधन में मुनिराज ने बताया कि शीघ्र ही सभी राज्यों में गुरु आस्था परिवार के सदस्यों की घोषणा होगी। प्रत्येक परिवार में न्यूनतम सात सदस्य होंगे जो धर्म प्रचार एवं मुनि सेवा का कार्य करेंगे। अगले अधिवेशन से पूर्व गुरु आस्था परिवार की राष्ट्रीय निर्देशिका का प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि गुटखा एवं तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों का राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रवेश निषेध रहेगा।
धर्म और पर्यावरण के संतुलन पर बल
अपने उद्बोधन में गुरुदेव ने कहा कि “मंदिर जाना, जप और अभिषेक पुण्य के कर्म हैं, किंतु एक पेड़ लगाना भी उतना ही पुण्यदायी है।” उन्होंने पीपल और नीम जैसे पौधे लगाने का निर्देश दिया और कहा कि यह कार्य पर्यावरण एवं मानवता दोनों के लिए कल्याणकारी है।
गुरुदेव ने समाजसेवी मॉडल प्रस्तुत करते हुए कहा कि सक्षम व्यक्ति 10,000 वर्गफुट भूमि पर “संत निवास” के रूप में फार्महाउस तैयार करें, जिससे देशभर में संतो के विहार के समय निवासों की कोई कमी न रहे। इसके अतिरिक्त, राजकीय विद्यालयों में समाज द्वारा कक्ष निर्माण कर संत आगमन के समय उनके उपयोग व अन्य समय शिक्षण कार्य का सुझाव दिया गया।
समाज कल्याण और युवा सहभागिता पर जोर
गुरुदेव ने स्पष्ट किया कि गुरु आस्था परिवार राजनीति से दूर रहकर समाजसेवा, शिक्षा और रोजगार सृजन के क्षेत्र में योगदान देगा। उन्होंने घोषणा की कि अगला अधिवेशन परिवार आधारित होगा, जिसमें माता-पिता के साथ बच्चों के लिए दो दिवसीय धार्मिक शिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा।
गुरु आस्था परिवार का राष्ट्रीय ध्वज भी तैयार किया जाएगा तथा राष्ट्रीय डायरेक्टरी का प्रकाशन अगले अधिवेशन से पूर्व किया जाएगा।
गुरुभक्तों का सम्मान
अधिवेशन में जयपुर के सौरभ जैन को “विश्व रिकॉर्ड” स्थापित करने के लिए सम्मानित किया गया, जिन्होंने जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में लगातार 24 घंटे तक बिना रुके भाषण देकर यह उपलब्धि हासिल की। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के आगर जिले के भारतीय सेना के जवान विशाल जैन, जिन्होंने सिंदूर ऑपरेशन में वीरता दिखाई,तथा डॉ. श्रद्धा चंद्रेश पारेख, जो अब “रेकी ग्रैंड मास्टर” और अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक हैं, को भी सम्मानित किया गया।

