इस्लामाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु परीक्षणों पर दिए बयान को लेकर पाकिस्तान मुश्किल में पड़ गया है। अब उसने भारत की आलोचना की है और कहा है कि नई दिल्ली ने ट्रंप के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान ने आखिरी परीक्षण मई 1998 में किया था और परमाणु परीक्षणों पर उसकी स्थिति सबके सामने और साफ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल एक बयान दिया था जिसमें कहा था कि कुछ देश गुप्त परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिया था।
ट्रंप के बयान पर टिप्पणी करते हुए भारत ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान की गुप्त परमाणु गतिविधियां दशकों से चल रही तस्करी और निर्यात नियंत्रण उल्लंघनों पर केंद्रित हैं। भारत की इस टिप्पणी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
शुक्रवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा के उन प्रस्तावों का समर्थन करता रहा है, जिनमें परमाणु परीक्षणों पर व्यापक प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है।
अंद्राबी ने कहा, भारत स्पष्ट रूप से तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणियों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है।अमेरिकी पक्ष पहले ही राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) के बयान के संबंध में मीडिया के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने आगे कहा, गुप्त या अवैध परमाणु गतिविधियों के आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं।
दिल्ली विस्फोट पर कही ये बात
दिल्ली में लाल किला के पास हुए घातक विस्फोट को लेकर पूछे गए सवाल पर पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि हमें नहीं पता कि ये लोग कौन हैं। सोमवार शाम को दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किला के पास एक कार में शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। इसमें 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। जांच एजेंसियों को पता चला है कि दिल्ली विस्फोट के एक संदिग्ध ने जैश-ए-मोहम्मद समेत आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध बनाए रखे थे। संभव है कि जैश ने अभियान के लिए रसद की व्यवस्था की हो।’

