भारतीय किसान संघ की मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में कई मांगों पर बनी सहमति
बिना उपभोक्ता की सहमति के नहीं लगेंगे स्मार्ट मीटर
कोटा। प्रदेश सरकार के बुलावे पर जयपुर पहुंचे भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने रविवार देर शाम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से वार्ता की है। जिसमें कृषि व किसान से विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के बाद कुछ मामलों में परस्पर सहमति बनी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिन के झालावाड़ में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन पड़ाव डाल दिया था। वहीं अन्य जिलों में भी ज्ञापन देखकर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा पत्र भेजकर और वार्ता करने के आश्वासन के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया था।
प्रान्त प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने फसल बीमा में 2023 में किसान विरोधी प्रावधान करने से किसानों को खड़ी फसल में हुए नुकसान का बीमा क्लेम से वंचित होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य खरीद कार्यक्रम निश्चित नही होने से खरीद के प्रति किसानों की आशंकाएं रहती हैं।
इस दौरान विद्युत तंत्र के ओवरलोड व उतार चढ़ाव के कारण किसानों को हो रहे नुकसान, अनुदानित खाद पर कंपनियों की ओर से दिए जा रहे अतिरिक्त उत्पाद (अटेचमेंट) पर रोक लगाने, विद्युत उत्पादन इकाइयों के निजीकरण, स्मार्ट मीटर, दूध पर बकाया अनुदान जारी करने, दूध डेयरियों में भ्रष्टाचार, बंद राज किसान पोर्टल को शुरू करने, सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार जैसे विषय उठाए।
मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के साथ भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री तुलछाराम सिंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद धारणिया, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य कैलाश गंदोलिया, जयपुर प्रान्त अध्यक्ष कालूराम बागड़ा, चित्तौड़ अध्यक्ष शंकरलाल नागर, प्रदेश प्रचार प्रमुख राजीव दीक्षित, जयपुर प्रांत महामंत्री सांवरमल सोलेट, झालावाड़ से राधेश्याम गुर्जर शामिल थे।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
प्रान्त अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने बताया कि वार्ता में फसल बीमा में सुधार हेतु किसान प्रतिनिधियों के साथ समिति गठित कर संशोधित फसल बीमा पॉलिसी तैयार करने, फसलों में नुकसान की आपदा अनुदान राशि बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने, यूरिया व डीएपी के साथ जबरदस्ती अन्य अटेचमेंट देने वाली कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रावधान करने, विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण करण के लिए 33/11 केवी जीएसएस पर ऑटोमेटिक केपीसीटर लगाने, विद्युत तंत्र की उपलब्धता के अनुसार फसल सिंचाई के लिए 7 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करने, बिना उपभोक्ताओ को विश्वास में लिए स्मार्ट मीटर नहीं लगाने, दूध डेयरियों में भ्रष्टाचार की जांच करने व दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर का बकाया अनुदान जारी करने और राज किसान पोर्टल को तत्काल पुनः शुरू करने पर सहमति बनी है।

