खाद्य तेल उद्योग पर सरकार ने कसा शिकंजा, कंपनियों को करना होगा अब ये काम

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नई दिल्ली। खाद्य सुरक्षा से जुड़े अहम क्षेत्र खाद्य तेल उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार एक्शन मोड में है। सरकार ने बुधवार को कहा कि वह नए नियामकीय आदेशों के अनुपालन की जांच के लिए देशभर में निरीक्षण अभियान शुरू करेगी।

खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि ये निरीक्षण जांच हाल ही में संशोधित एक आदेश के तहत की जाएंगी, जिसमें खाद्य तेल बनाने, प्रसंस्करण करने और बेचने वाली सभी इकाइयों को रजिस्ट्रेशन कराना और हर महीने उत्पादन का ब्योरा देना अनिवार्य किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई के लिए है। इसका उद्देश्य अनुपालन की गंभीरता को सुदृढ़ करना और खाद्य तेल क्षेत्र के राष्ट्रीय डेटा तंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखना है।

कहां कराना होगा रजिस्ट्रेशन
संशोधित ‘वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन एवं उपलब्धता (नियमन) आदेश, 2025’ के तहत खाद्य तेल कंपनियों को नेशनल सिंगल विंडो व्यवस्था पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उन्हें एडिबलऑयलइंडिया.इन के पोर्टल पर मासिक रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि इन प्रावधानों का पालन नहीं करने वाली खाद्य तेल कंपनियों के खिलाफ संशोधित आदेश और सांख्यिकी संकलन अधिनियम, 2008 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मंत्रालय ने बताया कि बड़ी संख्या में खाद्य तेल इकाइयों ने पहले ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा लिया है जिससे यह संकेत मिलता है कि उद्योग इस नियामकीय बदलाव में सहयोग कर रहा है। सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था खाद्य तेल क्षेत्र में वास्तविक समय में निगरानी सुनिश्चित करेगी और नीतिगत हस्तक्षेप की क्षमता को बेहतर बनाएगी। मंत्रालय ने इसे भारत की खाद्य सुरक्षा अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

1.4 करोड़ टन से अधिक खाद्य तेल का आयात
सरकार का यह कदम ऐसे समय आया है जब भारत खाद्य तेल की अपनी घरेलू मांग पूरी करने के लिए आयात पर बहुत निर्भर है। देश हर साल 1.4 करोड़ टन से अधिक खाद्य तेल का आयात करता है, जिनमें प्रमुख रूप से इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना एवं ब्राजील से सोया तेल मंगाया जाता है।