जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई से पहले बीज मिनीकिट देगी। खास बात यह है कि बीज मिनीकिट फ्री में दी जाएगी। किसानों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। हाल ही में सीएम गहलोत की सरकार ने 128.57 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
राज्य सरकार खरीफ सीजन में बुवाई के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को बीजों की मिनीकिट उपलब्ध कराएगी। इनमें बाजरा, मक्का, मूंग, मोठ जैसी फसलें शामिल की गई हैं. सरकार 23 लाख किसानों क बीज देगी। किसानों को ये बीज किट जून के पहले हफ्ते से दी जाएगी।
कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि किसानों को दिए जाने वाले बीजों से 10 वर्ष से कम समय की उन्नत किस्मों की फसलों के बीजों का उत्पादन होगा। इस निर्णय से प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन में वृद्धि होगी और कृषि उत्पादकता बढ़ेगी। बीज वितरण के लिए खर्च होने वाली राशि कृषक कल्याण कोष से उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने हर एक ग्राम पंचायत में सरपंच और एग्रीकल्चर सुपरवाइजर की कमेटी बनाई है। यही कमेटी ग्राम पंचायत स्तर पर किसानों का बीजों के लिए चयन करेगी। इन किसानों में लघु एवं सीमांत किसान होंगे। साल 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर भी है। इसीलिए राजस्थान सरकार मिलेट्स अनाज बाजरे की मिनीकिट भी किसानों को उपलब्ध कराएगी।
इसमें आठ लाख लघु एवं सीमांत किसानों को शामिल किया जाएगा। इन किसानों को संकर बाजरे के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। एक किट का वजन करीब डेढ़ किलो होता है। इसके अलावा प्रदेश के आदिवासी जिलों में 11 लाख किसानों को संकर मक्का के बीज दिए जाएंगे। इसके एक बैग में पांच किलो संकर मक्का के बीज होते हैं।
प्रदेश के तीन लाख किसानों को मूंग और एक-एक लाख किसानों को मोठ और तिल के बीज राज्य सरकार देगी। सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी बीज वितरण के साथ-साथ इन बीजों के सही उपयोग, जुताई, तकनीक के बारे में भी बताएगी। इसे लेकर कृषि विभाग में सुपरवाइजरों ने काम शुरू कर दिया है। ये सुपरवाइजर इस सब के साथ-साथ खेत की मिट्टी के उपचार के बारे में किसानों को जागरूक करेंगे।

