खपत की तुलना में धनिया की उपलब्धता कम रहने से धनिया के भाव तेज रहने का अनुमान

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नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान धनिया की कीमतों में तेजी का रुख बना रहा। वर्तमान हालात को देखते हुए अभी मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि कुल उत्पादन का अधिकांश माल मंडियों में आ जाने के कारण किसानों के पास स्टॉक कम रह गया है जिस कारण से मंडियों में दैनिक आवक घट गई है।

व्यापरिक सूत्रों का मानना है कि कुल उत्पादन का लगभग 70/75 प्रतिशत माल मंडियों में आ चुका है जबकि 20/25 प्रतिशत माल किसानों के पास है जोकि भाव बढ़ने पर बाजार में आएगा। क्योंकि अभी नई फसल आने में लगभग 6 माह का समय शेष है। कमजोर बिजाई के कारण चालू सीजन के दौरान देश में धनिया की पैदावार लगभग 1 करोड़ बोरी की मानी गई है जबकि गत वर्ष पैदावार 1.10 करोड़ बोरी की रही थी।

मंडियों में धनिया की धीरे-धीरे आवक घटने लगी है। वर्तमान में गुजरात की प्रमुख मंडी गोंडल में 4/5 हजार बोरी की आवक हो रही है। जबकि राजस्थान की रामगंज मंडी में आवक 3000/3500 बोरी की चल रही है। बारां मंडी में आवक 1000/1200 ब्राई एवं कोटा में आवक 400/500 बोरी की हो रही है।

इसके अलावा मध्य प्रदेश की कुम्भराज मंडी में आवक 1000/1200 बोरी एवं गुणा में आवक 3000/3500 बोरी की हो रही है। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में धनिया की पैदावार 46/48 लाख बोरी एवं गुजरात में पैदावार 40/42 लाख बोरी का माना गया है। इसके अलावा राजस्थान में 14/15 लाख बोरी धनिया उत्पादन के अनुमान लगाए गए थे।

जानकार सूत्रों का कहना है कि अभी हाल-फिलहाल कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि निर्यात मांग बढ़ने के अलावा लोकल मांग में भी सुधार दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा वायदा बाजार में भी भाव तेजी के साथ बोले जा रहे है। सूत्रों का मानना है कि वायदा कारोबारी सितम्बर माह की मिती ऊंचे भावों पर काटने के चक्कर में है जिस कारण से अभी बाजार तेज रहने की संभावना है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सप्ताह के शुरू में वायदा में सितम्बर माह का धनिया 7810 रुपए पर खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 8510 रुपए पर बंद हुआ। इसके अलावा अक्टूबर माह का धनिया 7900 रुपए खुलने के पश्चात 8550 रुपए पर बंद हुआ। कमजोर आवक एवं वायदा के तेज समाचार मिलने के कारण चालू सप्ताह के दौरान उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया के हाजिर भाव 250/300 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए है।

चालू सीजन के दौरान खपत की तुलना में धनिया की उपलब्धता कम रहेगी। सूत्रों का कहना है कि नई फसल के समय उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया स्टॉक 35/40 लाख बोरी का माना गया था जबकि नई पैदावार लगभग 1 करोड़ की रही। जिस कारण से कुल उपलब्धता 1.35/1.40 करोड़ बोरी की रहेगी। जबकि मांग एवं निर्यात को मिलाकर लगभग 1.50/ 1.60 करोड़ बोरी की उपलब्धता होती है। उल्लेखनीय है कि दूसरे वर्ष भी देश में पैदावार घटने के कारण आगामी सीजन पर धनिया का स्टॉक काफी कम रह जाएगा।

हालांकि वर्ष 2024-25 के दौरान धनिया निर्यात में अच्छी गिरावट दर्ज की गई। लेकिन चालू सीजन वर्ष 2025-26 के प्रथम तीन माह में धनिया का निर्यात 14 प्रतिशत अधिक हुआ है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून- 2025 के दौरान धनिया का निर्यात 19100.51 टन का किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 191.57 करोड़ रुपए की रही।

जबकि अप्रैल-जून-2024 के दौरान निर्यात 16691.37 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 168.14 करोड़ की रही। वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान धनिया का कुल निर्यात 60324 टन का किया गया था और निर्यात से प्राप्त आय 633.20 करोड़ रुपए की रही। जबकि वर्ष 2023-24 के दौरान 108624 टन का निर्यात किया गया था और निर्यात से प्राप्त आय 948.27 करोड़ की रही थी।