नई दिल्ली। भारत सरकार ने 3119 करोड़ रुपये कर्ज लेने की प्रक्रिया तेज कर रही है। केंद्र के इस कदम से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। यह राशि जम्मू-कश्मीर में खर्च की जाएगी। किश्तवार जिले में चिनाब नदी पर बन रहे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ‘क्वार बांध’ परियोजना को तेजी से पूरा करने के मकसद से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह एक ग्रीनफील्ड स्टोरेज वाली जलविद्युत परियोजना है, जिसका पानी के बहाव पर प्रभाव पड़ सकता है। इस बांध से 540 मेगावाट बिजली की आपूर्ति पूरी की जाएगी। यह करीब 109 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध है। इसे पूरा करने में 4,526 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
जनवरी 2024 में चिनाब नदी के प्रवाह को मोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह किसी भी जलविद्युत परियोजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है। इसके अलावा, 609 मीटर लंबी मुख्य सुरंग की खुदाई भी शुरू हो चुकी है। अब बांध के मुख्य निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। सरकार का उद्देश्य है कि यह परियोजना 2027 तक पूरी हो ताकि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता बढ़े और औद्योगिक विकास को बल मिले।
पाकिस्तान पर इसका प्रभाव
यह परियोजना ऐसे समय में सामने आ रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर तनाव बना हुआ है। चिनाब नदी सिंधु की एक प्रमुख सहायक नदी है और पाकिस्तान इसकी जलधारा पर निर्भर है। भारत के इस निर्माण से पाकिस्तान को पानी के प्रवाह में कमी की चिंता सता रही है। हालांकि भारत ने अब तक संधि का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन संधि की फिर से समीक्षा की मांग और पाकिस्तान द्वारा लगातार आपत्तियां दर्ज किए जाने से यह मुद्दा रणनीतिक रूप से अहम बन गया है।

