क्रशिंग मिलों की लिवाली निकलने से सरसों की कीमतों में तेजी का रूख

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नई दिल्ली। व्यापारियों और क्रशर-प्रोसेसरों की मजबूत मांग के कारण 26 जुलाई से 1 अगस्त के सप्ताह के दौरान सरसों की कीमतों में तेजी और तेजी का रुख जारी रहा। दिल्ली में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव 100 रुपये बढ़कर 7200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जबकि जयपुर में 50 रुपये घटकर 7550 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। सामान्य औसत क्वालिटी वाली सरसों का भाव भी 50-100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गया।

लेकिन मध्य प्रदेश में बाज़ार मिला-जुला रहा। वहाँ, मुरैना और पोरसा में सरसों के भाव में 50-50 रुपये का सुधार आया, लेकिन ग्वालियर मंडी में 100 रुपये की नरमी रही। इसी तरह, राजस्थान में जयपुर और गंगानगर में सरसों के भाव में कमी आई, जबकि अन्य मंडियों में 50-100 रुपये की तेज़ी रही।

उत्तर प्रदेश की हापुड़ और आगरा मंडी में ऊँचे भाव पर सरसों का सीमित कारोबार हुआ, इसलिए भाव काफी हद तक स्थिर रहे। कोलकाता में 100 रुपये की नरमी रही। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में सरसों की सीमित आवक दर्ज की गई। 26 जुलाई को 3 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 50 किलो) की आवक हुई।

सरसों का तेल (कच्ची घानी): सरसों तेल एक्सपेलर और कच्ची घानी के दाम पहले ही काफी ऊंचे स्तर पर पहुँच चुके हैं, इसलिए सप्ताह के दौरान इनमें कुछ नरमी दर्ज की गई। लेकिन दिल्ली में एक्सपेलर का दाम 15 रुपये बढ़कर 1625 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गया। वहीं आगरा में कच्ची घानी तेल का दाम 30 रुपये बढ़कर 1650 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गया, लेकिन अन्य अधिकांश केंद्रों पर इसमें 5 से 15 रुपये की गिरावट आई। हापुड़ में कच्ची घानी तेल 20 रुपये घटकर 1750/1800 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गया।

सरसों केक (DOC): सामान्य कारोबार के बीच सरसों खली की कीमतों में 10-20 रुपये प्रति क्विंटल का उतार-चढ़ाव रहा। चरखी दादरी में यह 30 रुपये बढ़कर 2200 रुपये प्रति क्विंटल और भरतपुर में 20 रुपये सुधरकर 2280 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

स्टॉक बिक्री: सरकारी एजेंसी- नैफेड/हाफेड को सरसों का अपना स्टॉक ऊंचे दामों पर बेचने में अच्छी सफलता मिल रही है। लेकिन इसका स्टॉक तेजी से घट रहा है।