सजा ये मौत के फरमान के बाद क्या शेख हसीना का भारत से बांग्लादेश प्रत्यर्पण होगा

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ढाका। बांग्लादेश ने एक दफा फिर भारत से शेख हसीना को सौंपने का अनुरोध किया है। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखते हुए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।

चिट्ठी में बांग्लादेश ने कहा है कि एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के तहत मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा पाई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को उसे सौंपा जाए। बीते साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। हिंसा बढ़ने के बाद उनको 5 अगस्त को आनन-फानन में ढाका छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से यानी बीते 15 महीने से शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं।

प्रथोमोलो की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन ने भारत के विदेश मंत्रालय को डिप्लोमैटिक नोट भेजा है। बांग्लादेश की ओर से कई दफा भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा चुकी है।

इस बार ये इसलिए खास है क्योंकि 17 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद बांग्लादेश ने पहली बार फॉर्मल तौर पर भारत से उन्हें सौंपने की गुजारिश की है।

शेख हसीना और असदुज्जमां खान के खिलाफ अदालत के फैसले के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी उनके प्रत्यर्पण की बात कही गई थी। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मानवता के खिलाफ अपराधों के दोषी लोगों को दूसरे देशों में शरण दिया जाना गलत व्यवहार और न्याय की अनदेखी है। भारत सरकार को ऐसे लोगों को बांग्लादेश को सौपना चाहिए, जो यहां कानून के मुजरिम हैं।

बांग्लादेश ने पिछले साल भी भारत को पत्र लिखकर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी। बांग्लादेश का कहना है कि एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के तहत भारत उनको सौंपने के लिए मजबूर है। वहीं भारत ने बांग्लादेश की मांग को अनसुना करने का रवैया अपनाया है। भारत ने बीते साल ढाका की चिट्ठी का जवाब नहीं दिया था। बांग्लादेश की ताजा चिट्ठी पर भी भारत ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।