कोटा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए समय-समय पर जारी एडवाइजरी की शृंखला में चिकित्सा विभाग ने शनिवार को मास्क के उपयोग के संबंध में व्याप्त भ्रम तथा उपयोग व निस्तारण के बारे में एडवाइजरी जारी की है। पुलिस भी आमजन को मास्क का प्रयोग के बारे में जानकारी देगी। एडवाजरी के अनुसार सामान्य रूप से आमजन में यह भ्रम है कि यदि मास्क का घर या घर के बाहर उपयोग कर रहे हैं तो वह सुरक्षित है। इस भ्रम के कारण बाजार में मास्क की कृत्रिम कमी उत्पन्न होने की आशंका है।
एडवाइजरी के अनुसार स्वस्थ व्यक्तियों जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें मास्क की आवश्यकता नहीं है। मास्क का प्रयोग इन व्यक्तियों में सुरक्षा की झूठी भावना पैदा कर सकता है, जिससे से व्यक्ति सुरक्षा के अन्य आवश्यक उपायों की उपेक्षा कर सकते हैं। जैसे हाथ धोना, सामाजिक दूरी बनाए रखना आदि।
मेडिकल मास्क का उपयोग किसे करना है
चिकित्साकर्मियों के अलावा मेडिकल मास्क का उपयोग कफ, खांसी या बुखार होने पर ही किया जाए। चिकित्सक को दिखाने जाने पर अथवा किसी बीमार, संक्रमित, संदिग्ध व्यक्ति की देखभाल करने पर संदिग्ध, संक्रमित व्यक्तियों के नजदीकी परिवारजन मेडिकल मास्क का उपयोग कर सकते हैं।
मास्क के उपयोग में सावधानी
मेडिकल मास्क का उपयोग एक बार में अधिकतम 6 घंटे तक ही किया जाए। पहने हुए मेडिकल मास्क को बार-बार न छुएं। यदि इस दौरान मास्क गीला हो जाए तो उसे तत्काल बदलें। मास्क को गर्दन में लटकार न रखें। मास्क को हटाते समय मास्क की बाहरी सतह को न छूएं। मास्क को हटाते समय पहले उसकी नीचे वाली डोरी खोलें। उसके बाद उपर वाली डोरी को खोले। उपयोग किए गए मास्क का दुबारा उपयोग न किया जाय। मास्क के निस्तारण के प्रयोग किए गए मास्क को विसंक्रमित करने के बाद जला कर या जमीन में गहरा दबाकर नष्ट करें या नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहन के पीले रंग में डाले।

