कोटा में चौराहों पर ट्रैफिक जाम को लेकर जनहित याचिका दायर

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कोर्ट ने कलेक्टर, केडीए सचिव व डीएसपी यातायात से मांगा जवाब, सुनवाई 21 को

कोटा। कोटा शहर में सिग्नल फ्री योजना पूरी तरह से विफल है। शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त बनावे। ट्रैफिक जाम के कारण लोगों व वाहन चालकों को हो रही समस्या से शीघ्र निजात दिलावे। इस प्रकार की व्यवस्था करें। जिससे कोटा शहर का यातायात सुगम हो।

इस मांग को पूरा करवाने को लेकर वकील सहित तीन जनों ने स्थाई लोक अदालत में जनहित याचिका दाखिल की है। इस पर लोक अदालत ने जिला कलेक्टर, केडीए सचिव व डीएसपी यातायात को नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया है। याचिका पर सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

वकील लोकेश कुमार सैनी, पत्रकार जगदीश अरविन्द एवं स्वतन्त्र पत्रकार धर्म बन्धु आर्य ने अपनी याचिका में जिला कलेक्टर, केडीए सचिव व डीएसपी यातायात को पार्टी बनाया है। जिसमें बताया कि कोटा शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त बनाने के लिए सरकार ने 250 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

परन्तु इसका लाभ जनता को नहीं मिला है। न तो यातायात सुगम हो पाया और न ही वाहन चालकों को राहत मिली। अंटाघर, एयरपोर्ट रोड, कॉमर्स कॉलेज, केशवपुरा व सीएडी क्षेत्र आदि में दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है।

उन्होंने बताया कि नयापुरा से बारां रोड़ के लिए एलिवेटेड रोड़ और स्टेशन के लिए अंडरपास बनाए गए। परन्तु कोटड़ी से बोरखेड़ा जाने वाले वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें या तो शहीद स्मारक होते हुए स्लीप लेन से अंडरपास होकर निकलना पड़ता है या फिर आर्मी गेट के पास से यू-टर्न लेना पड़ता है।

दोनों ही रास्तों पर जाम की समस्या रहती है। जिससे समय व ईंधन दोनों की बर्बादी हो रही है। शहर के अन्य इलाकों में भी यातायात का भारी दबाव रहता है। सड़कों की चौड़ाई भी कम है। जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।