कोटा। मंडल के कोटा-गंगापुरसिटी सेक्शन के केशोरायपाटन स्टेशन को 25 वर्ष पुरानी एवं समयपूर्ण सिगनलिंग प्रणाली (पेनल इंटरलाॅकिंग) को आधुनिक सिगनलिंग प्रणाली (इलेक्ट्राॅनिक इण्टरलाॅकिंग) से बदलने का कार्य 18 अप्रैल को सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। आधुनिक सिगनलिंग प्रणाली में गाड़ियों के प्रस्थान एवं आगमन के लिए पेनल पर बटन दबाने के स्थान पर कम्प्यूटर द्वारा गाड़ियों के संचालन के लिए सिगनल दिये जाते हैं।
पुरानी सिगनलिंग प्रणाली में स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को गाड़ी के रूट सेट करने में कई बटनों का इस्तेमाल करना पड़ता था। परंतु नई तकनीक में गाड़ियों के संचालन हेतु रूट कम्प्यूटर द्वारा एक ही क्लिक में सेट हो जाता है, जिससे समय की बचत होती है। साथ ही गाड़ियों के संचालन के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बहुत अच्छा है।
पुरानी पद्धति में यार्ड में गाड़ियों के शंटिंग का कार्य स्टेशन मास्टर के निर्देशानुसार प्वाइंट्समैन द्वारा किया जाता था, जिससे रेल संचालन में देरी होती थी। नई प्रणाली में स्टेशन मास्टर द्वारा ही कम्प्यूटर के माध्यम से गाड़ियों की शंटिंग का कार्य किया जाने लगा है, इससे संरक्षा एवं सुरक्षा में बढ़ोतरी हुई है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। इस कार्य को करने के लिए जीएसयू यूनिट कोटा एवं कोटा मंडल के तकनीकी रूप से निपुण एवं दक्ष सिगनलिंग अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम द्वारा 24 घण्टे कार्य करके निर्धारित समय पर ही सम्पन्न कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि लेवल क्राॅसिंग गेट नं. 116 को स्ब्-115 पर शिफ्ट किया गया ताकि स्ब्-116 पर बना रहे। आरओबी कार्य को पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं हो तथा जनता को जल्द से जल्द आरओबी की सौगात मिल सके।
उन्होंने बताया कि इस कार्य को कोटा जीएसयू यूनिट के सचिन शुक्ला, मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर(जीएसयू)/कोटा एवं राहुल जारेड़ा, उप मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर (जीएसयू)/कोटा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है।

