कृषि रसायन से हो रहे प्रदूषण का असर मां के दूध पर भी पड़ा है: कृष्णमुरारी

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जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित

कोटा। जिले के जाखोड़ा क्षेत्र में स्थित गोयल ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर शीर्ष सलाहकार बोर्ड एवं अनुसंधान व विस्तार सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय बीज प्रमुख कृष्ण मुरारी ने कहा कि आज मां का दूध भी कृषि रसायन से दूषित हो चुका है। इसी तरह सैकडों समस्याओं का प्रसार हो रहा है।

इसके समाधान के लिए गौ आधारित जैविक कृषि में हम सभी को आत्मीयता से आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यदि प्रत्येक कृषि वैज्ञानिक निज जीवन में 100 किसान के यहां गौ आधारित जैविक कृषि का मॉडल स्थापित करे तो यह अभियान द्रुत गति से फलित होगा।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ. बीआर कम्बोज ने जैविक कृषि में बढ़ते अनुसंधान कार्यों के बारे मे कहा कि अब कृषि वैज्ञानिक भी सकारात्मक दिशा में नवीन प्रयोग कर खेत आधारित व्यवस्थाओं को खेती से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जो आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी व्यवस्था का सुखद कार्य है।

कृषि विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति डॉ. अभय कुमार व्यास ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कोटा एवं गोयल संस्थान दोनों के द्वारा गौ आधारित जैविक खेती के लिए किसानों के लिए अत्यंत सरल एवं सुलभ है। किसानों को यहां के प्रयोगों का अंगीकरण करते हुए लाभ अर्जित करना चाहिए।

जैविक एवं प्राकृतिक कृषि मे पशुपालन को भी बढ़ावा मिलता है। जिससे किसान को दोहरा लाभ प्राप्त होता है। इस कार्य में बाजारीकरण पर ध्यान देते हुए समस्त संस्थओं के सहयोग से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के निदेशक ताराचंद गोयल ने कहा कि संस्थान द्वारा विगत 5 वर्षों से “शुद्ध आहार -स्वस्थ परिवार” के चिंतन से अनुभवी वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में जैविक कृषि के विकास एवं विस्तार के लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्य संचालित है। इस सन्दर्भ में सफल अनुसंधान किसानों के मध्य उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

संस्थान का भविष्य में यह प्रयास वैज्ञानिक विधि से प्रत्येक गाँव और प्रत्येक किसान के खेत में लागू हो। इस लक्ष्य की सफलता के लिए सभी का मार्गदर्शन सदैव महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य से यह वार्षिक बैठक आयोजित कर के समीक्षात्मक चर्चा की गयी, ताकि गो आधारित जैविक खेती हेतु आगामी योजना को फलीभुत कर पाए।

गोयल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट समाज हितार्थ है, समाज के हित हेतु है, आप सब इसको अपना निज कार्य समझ कर इसको विराट स्वरूप दे, ऐसा आग्रह है। कार्यक्रम में नाबार्ड के कोटा जिला विकास अधिकारी राम प्रसाद ने नाबार्ड के सहयोग से इस कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। बलविंन्द्र गिल संयुक्त रजिस्ट्रार कोटा केंद्रीय सहकारी बैंक ने सहकारिता के साथ जैविक कृषि को जोड़ कर किसान समूह बनाकर आगे बढ़ने की बात कही।

इसी तरह कृषि विभाग कोटा के संयुक्त निदेशक अतिश कुमार ने राष्ट्रीय प्राकृतिक मिशन के द्वारा इस संस्थान की सफल तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए विभाग राज्य सरकार के सहयोग से प्रयास करेगा।

कार्यक्रम के अंत में अंशुल गोयल निदेशक गोयल प्रोटीन्स लिमिटेड कोटा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम के पश्चात् सभी के द्वारा परिसर मे संचालित अनुसंधान कार्यों का अवलोकन भी किया।

कार्यक्रम के बारे मे संस्थान के मुख्य प्रबंधक पवन टाक ने बताया कि संस्थान द्वारा किए गए अनुसंधान, विस्तार एवं प्रसार कार्यों के बारे प्रस्तुतिकरण के बाद सभी के द्वारा समीक्षा की गयी।

इस कार्यक्रम में शीर्ष सलाहकार समिति के सदस्य, कृषि वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी, नाबार्ड के जिला अधिकारी, बैंक विभाग, मीडिया, संस्थागत प्रतिनिधि, किसान संघ के प्रबुद्धजन की उपस्थिति रही।