एमपी समेत तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की फसल को नुकसान

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इंदौर। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) की रिपोर्ट से पता चलता है कि मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान अधिशेष वर्षा, खेतों में लम्बे समय तक जल जमाव तथा बाढ़ के कारण तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है और कई क्षेत्रों में इसकी स्थिति काफी कमजोर है।

सोपा की रिपोर्ट के अनुसार एक तो इन तीनों ‘प्रांतों’ में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में कमी आई है और दूसरे वहां प्राकृतिक आपदाओं से फसल को क्षति भी हुई है इसलिए उत्पादन में गिरावट आने की आशंका बनी हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के 6 प्रतिशत क्षेत्रफल में सोयाबीन की फसल शत-प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई है जबकि 15 प्रतिशत क्षेत्र में यह कमजोर स्थिति में तथा 70 प्रतिशत क्षेत्र में सामान्य हालत में है। शेष 9 प्रतिशत क्षेत्र में इसकी दशा उत्साहवर्धक है।

महाराष्ट्र में सोयाबीन की 60 प्रतिशत फसल सामान्य तथा 21 प्रतिशत भाग में फसल उत्साहवर्धक स्थिति में है जबकि 8 प्रतिशत भाग में यह 100 प्रतिशत बर्बाद हो चुकी है और 11 प्रतिशत क्षेत्र में इसकी हालत कमजोर या खराब है।

जहां तक राजस्थान का सवाल है तो वहां 10 प्रतिशत क्षेत्र में फसल की हालत बेहतरीन या उत्साहवर्धक तथा 38 प्रतिशत क्षेत्र में सामान्य है जबकि 44 प्रतिशत क्षेत्र में फसल की स्थिति बेहद कमजोर या खराब है और शेष 8 प्रतिशत भाग में फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। महाराष्ट्र में क्षति का प्रतिशत भाग और बढ़ सकता है।

सोपा के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में घटकर 48.64 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में गिरकर 48.20 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में फिसलकर 9.07 लाख हेक्टेयर रह गया। राष्ट्रीय स्तर पर इसका रकबा 115.66 लाख हेक्टेयर रहा।