नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भावान्तर भुगतान योजना लागू होने तथा महाराष्ट्र में मूल्य समर्थन योजना के तहत सरकारी खरीद आरंभ होने की वजह से सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 1-7 नवम्बर वाले सप्ताह के दौरान 50 से 150 रुपए प्रति क्विटल तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
यह अलग बात है कि इस बढ़ोत्तरी के बावजूद सोयाबीन का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे रहा। मध्य प्रदेश में तो किसानों को एमएसपी का अंतर मिल जाएगा मगर महाराष्ट्र एवं राजस्थान में प्रत्यक्ष सरकारी खरीद से ही उत्पादकों को राहत मिल सकती है।
केन्द्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2024-25 सीजन के 4892 रुपए प्रति क्विटल 436 रुपए बढ़ाकर 2025-26 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए 5328 रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया है जबकि इसके सापेक्ष सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव मध्य प्रदेश में 4500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। लूज भाव इससे नीचे है।
सोया तेल (रिफाइंड)
सोया रिफाइंड तेल का भाव या तो पिछले स्तर पर स्थिर रहा या इसमें प्रति 10 किलो पर 5-6 रुपए का सुधार देखा गया। कोटा, मुम्बई, कांडला एवं हल्दिया में सोयातेल के दाम में कोई खास तेजी-मंदी नहीं रही। विदेशों में भी तेजी नहीं रहने की सूचना मिली।
अमरीका और चीन के राष्ट्रपति की मीटिंग में गत सप्ताह कुछ करार हुए थे जिससे चीन में अमरीकी सोयाबीन का निर्यात दोबारा शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। इससे शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों का वायदा भाव कुछ मजबूत हो सकता है। वैसे चीन ने अमरीकी सोयाबीन पर 13 प्रतिशत के आयात शुल्क को बरकरार रखने का निर्णय लिया है।
घरेलू मंडियों में सोयाबीन की आवक बढ़ने लगी है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं अन्य उत्पादक राज्यों की मंडियों में 3 नवम्बर को 8.70 लाख बोरी, 4 नवम्बर को 7.35 लाख बोरी, 6 नवम्बर को 7.50 लाख बोरी तथा 7 नवम्बर को भी 7.50 लाख बोरी सोयाबीन की आवक दर्ज की गई जबकि प्रत्येक बोरी 100 किलो या 1 क्विटल की होती है।
सोया खल (डीओसी)
मध्य प्रदेश में सोया डीओसी में ज्यादा कारोबार नहीं होने से कीमतों में स्थिरता बनी रही मगर महाराष्ट्र में इसकी अच्छी लिवाली हुई जिससे दाम में 1000-2000 रुपए प्रति टन का सुधार देखा गया। रजस्थान में सोया डीओसी का भाव कुछ नरम रहा। महाराष्ट्र में घरेलू उपयोग के साथ-साथ निर्यात उद्देश्य के लिए भी सोयामील की खरीद हुई।

