नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को 2025-26 के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी, जिसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से सस्ती दर पर अल्पकालिक ऋण मिलता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमआईएसएस को जारी रखने का निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। इस योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य केसीसी के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। एमआईएसएस के तहत, किसानों को केसीसी के माध्यम से 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण मिलता है, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त, समय पर ऋण चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में 3 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के पात्र होते हैं, जिससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के लिए लिए गए ऋणों के लिए ब्याज लाभ 2 लाख रुपये तक लागू है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना की संरचना या अन्य घटकों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है। देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं।

