मुंबई। 68 वर्षीय बॉलीवुड एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ से सांसद किरन खेर ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं। फिलहाल उनका इलाज मुंबई में चल रहा है। किरण खेर को मल्टीपल मायलोमा (multiple myeloma) है, जो ब्लड कैंसर का एक प्रकार है। सोशल मीडिया पर चल रही सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए अनुपम खेर ने ट्विटर पर एक नोट शेयर किया, जिसमें किरन खेर को ब्लड कैंसर होने की पुष्टि की।
जानकारी के लिए बता दें कि किरण खेर को इस बीमारी का तब पता चला जब वह घर पर गिर गई थीं और उनकी एक बांह में फ्रैक्चर आ गया था। मेडिकल परीक्षण के बाद, पाया गया कि उन्हें मल्टीपल मायलोमा है। बीमारी उनके बाएं हाथ और दाहिने कंधे तक फैल गई थी। अनुपम खेर ने अपने पोस्ट के जरिए जानकारी देते हुए लिखा है कि उन्हें नियमित उपचार के लिए अस्पताल जाना पड़ता है। आइए जानते हैं आखिर कौन सी है यह बीमारी जिससे किरण खेर दिनरात जूझ रही हैं।
क्या होती है Multiple myeloma
- मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो वाइट ब्लड सेल्स जिसे प्लाज्मा कोशिका कहा जाता है, उसमें बनता है। हेल्दी प्लाज्मा सेल्स एंटीबॉडीज का निमार्ण करती हैं और संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद करती हैं।
- मल्टीपल मायलोमा में, कैंसरग्रस्त प्लाज्मा कोशिकाएं बोन मैरो में जमा हो जाती हैं और स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बाहर निकालती हैं। हेल्दी एंटीबॉडी का उत्पादन करने के बजाय, कैंसर कोशिकाएं असामान्य प्रोटीन का उत्पादन करती हैं जो जटिलताओं का कारण बन सकती हैं।
- यदि मल्टीपल मायलोमा शरीर में धीमी गति से बढ़ रहा है और इसके कोई संकेत-लक्षण पैदा होते हुए नहीं दिख रहे हैं, तो आपका डॉक्टर तत्काल उपचार करने के बजाय आपको निगरानी में रख सकता है। ब्लड कैंसर को कंट्रोल करने के लिए कई विकल्स उपलब्ध हैं।
ब्लड कैंसर के संकेत और लक्षण
- हड्डी का दर्द, विशेषकर आपकी रीढ़ या छाती में
- जी मिचलाना
- कब्ज
- भूख में कमी
- मन में उलझन बनी रहना
- थकान
- बार-बार संक्रमण होना
- वजन घटना
- आपके पैरों में कमजोरी या सुन्नता
- अत्यधिक प्यास लगना
कैंसर का कारण बनती हैं ये चीजें
- वैसे तो यह स्पष्ट नहीं है कि मल्टीपल मायलोमा का क्या कारण हो सकता है। लेकिन डॉक्टर्स को पता है कि यह बोन मैरो में एक असामान्य प्लाज्मा सेल से शुरू होता है। असामान्य कोशिका तेजी से बढ़ने लगती हैं।
- कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की तरह अपने आप नहीं मरती हैं, वे जमा होती रहती हैं। जिससे स्वस्थ कोशिकाओं का उत्पादन कम होने लगता है।
- बोन मैरो में, ब्लड कैंसर की कोशिकाएं स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बाहर निकालती हैं, जिससे मरीज को थकान और संक्रमण से लड़ने में असमर्थता होती है। कैंसर कोशिकाएं हड्डियों को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं जो टूटी हुई हड्डियों के जोखिम को बढ़ाती हैं।

