कोटा/ कनवास। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के निर्देश पर सावन भादौं डैम की डिस्कनेक्ट हुई रोड की फ्लेंज को फिर से कनेक्ट कर दिया गया है। इसके बाद डेम से निकल रही नहरों में पूर्ण क्षमता से जल प्रवाह शुरू कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पिछले दिनों कनवास स्थित सावन भादौ डेम का निरीक्षण करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने डैम के टूटे हुए गेट की तुरंत मरम्मत कर किसानों को पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
डेम की मरम्मत के लिए कानपुर और मुंबई से विशेषज्ञ बुलाए गए थे। गोताखोरों की टीम ने 8 मीटर नीचे जाकर टूटी फ्लैंज को देखा। जिसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि टूटी फ्लैंज को ठीक करने के लिए कैनाल को कम से कम दो दिन के क्लोजर की आवश्यकता होगी। किसानों को सिंचाई जल की आवश्यकता को देखते हुए कैनाल को बन्द नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में, फिलहाल गोताखोरों के द्वारा कनेक्टिंग रोड की फ्लेंज को अस्थाई रुप से कनेक्ट कर दिया गया है। इस वर्ष के जल प्रवाह के उपरांत अपस्ट्रीम में पिचिंग, स्लूस गेट की एलाइनमेंट टेस्टिंग का कार्य बाद में पानी कम होने के उपरांत किया जाएगा।
बांध में फिलहाल 26.32 मि घन मीटर पानी भरा है। जो कुल क्षमता का तकरीबन 87.73% है। सावन भादौं डेम मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित है। जिसकी कुल क्षमता 30 मिली घन मीटर है। डेम से 19 गांव की 5850 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है।
डूब गई थी मशीनरी
अगस्त 2024 में मानसून के दौरान स्लूम की दाईं विंग की दीवार ढह गई थी। जिसे अस्थाई तौर पर बनाकर जल प्रवाह शुरू किया गया था। इसके उपरांत भी स्लूम पर 6 मीटर पानी जल उपलब्ध था। ऐसी स्थिति में कॉफर डेम बनाकर पानी की डिवाटरिंग कर स्लूम का रिस्टोरेशन किया गया। ऊर्जा मंत्री के प्रयासों से 24 मार्च 2025 को नहरों के जीर्णोद्धार के लिए 10.48 करोड रुपए स्वीकृत हुए। जिसका कार्य प्रारंभ होने के बाद 18 जून को बांध में पानी की आवक प्रारंभ होने से अपस्ट्रीम में कॉफर डैम की ऊंचाई बढ़ाकर कार्य शुरू किया गया। इसके बाद 6 जुलाई को डैम में अचानक पानी की आवक होने से संवेदक का कंक्रीट कैनिंग प्लांट, सीमेंट, कंक्रीट, मड पंप पानी में डूब गए। इसके उपरांत भी बांध को सुरक्षित स्तर तक लाकर पूर्ण भराव स्तर तक भराव सुनिश्चित किया गाया।
बंद नहीं हुआ गेट
इसके बाद 6 नवंबर 2025 को क्षेत्र में नहरी पानी की मांग कम होने पर जल प्रवाह कम किया गया। गेट बन्द करते हुए निर्माण के समय बनाया गया कॉफर डैम का मलबा गेट के नीचे आ जाने से गेट बंद नहीं हो सका था। इसके बाद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने पिछले दिनों सावन भादौं डैम का निरीक्षण करते हुए कैनाल में जल प्रवाह को एक दिन के लिए रोक कर स्लूस गेट, रोड्स के क्लैंप्स आदि को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।

