उंगली टच करते ही खुलेगा दरवाजा, तोड़ने की कोशिश पर करेगा मालिक को अलर्ट

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नई दिल्ली। अलीगढ़ के स्मार्ट डोर लॉक अब इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पहचान बनाने को तैयार हैं। मार्केट में अब बायोमेट्रिक डोर लॉक की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। यानी आपकी उंगली के टच से खुलने वाले ताले। अलीगढ़ में अब ऐसे ही ताले तैयार किए जाएंगे।

इन नेक्स्ट जनरेशन लॉक में ताइवान की टेक्नोलॉजी और अलीगढ़ की मजबूती मिलेगी। अभी बायोमेट्रिक और डिजिटल लॉक में चीन सबसे आगे है। चलिए डिजिटल लॉक के बारे में जानते हैं।

बायोमेट्रिक एक ऐसा सिस्टम है जो आपको फिंगरप्रिंट को स्कैन करके उसका डेटा स्टोर करता है। इन ताले पर एक टच पैनल या स्क्रीन होती है, जिसमें थर्मल या ऑप्टिकल स्कैनर दिया होता है। इसी पर फिंगर को रखा जाता है। स्क्रीन के अंदर लगे सेंसर आपके फिंगरप्रिंट को स्कैन करके स्टोर डेटा से मिलाते हैं। डेटा मैच होने के बाद लॉक खुल जाता है। आधारकार्ड बनावाने या उसे अपडेट कराने के दौरान बायोमैट्रिक प्रोसेस से गुजरना होता है।

स्मार्ट लॉक की खूबियां: अलीगढ़ के ताले में अब ताइवान की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी इसमें हाईटेक मजबूती शामिल हो जाएगी। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) ने ताइवान से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कराने को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। इन तालों में अब चिप और इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का इस्तेमाल किया जाएगा।

इन तालों में स्मार्ट कार्ड और बॉयोमैट्रिक वैरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट और फेस रीडिंग) कंट्रोल मिलेगा। इन्हें स्मार्टफोन से भी कंट्रोल होंगे। वाईफाई से कनेक्ट होने के बाद इन्हें घर से दूर रहकर ऐप की मदद से ऑपरेट कर पाएंगे। ताले में सेफ्टी के लिहाज से सायरन और अलर्ट सिस्टम भी होगा। इन्हें USB चार्जर की मदद से चार्ज किया जाता है। सिंगल चार्ज पर ये 6 महीने तक का बैकअप देते हैं।

अभी अलीगढ़ में मैकेनिकल लॉक तैयार किए जाते हैं, जिन्हें चाबी से खोला या बंद किया जाता है। अब ज्यादातर जगहों पर स्मार्ट और डिजिटल लॉक का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसी वजह से अलीगढ़ के तालों की डिमांड कम होती जा रही है। हालांकि, ताइवान टेक्नोलॉजी जब इन तालों में जुड़ जाएगी तब ये स्मार्ट लॉक के सबसे बड़े खिलाड़ी चीन को डायरेक्ट टक्कर देंगे।