राज. में भी ई-कॉमर्स कंपनियों के शिकंजे से निकलने के प्रयास होंगे: माहेश्वरी
कोटा। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में देशभर के 24 राज्यो के 125 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राजस्थान से कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव एवं कैट के प्रदेश सचिव अशोक माहेश्वरी, राजस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज गोयल, महासचिव हेमंत प्रभाकर, कोटा जिला अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने भाग लिया।
इस अवसर पर कैट के प्रदेश सचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि देश में ई-कॉमर्स एवं क्विक कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगभग 140 लाख करोड़ सालाना के खुदरा व्यापार पर कब्जा जमाने की कोशिश की जा रही है। बैठक में मुख्य रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कैट के मुख्य सलाहकार स्मृति ईरानी, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतीया, महासचिव एवं सांसद डॉ प्रवीण खंडेलवाल प्रमुख वक्ता रहे।
इस कांफ्रेंस में केवल व्यापारी ही नहीं, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के समर्थक, ट्रांसपोर्टर, लघु उद्योग, एमएसएमई, उपभोक्ता संगठन, महिला उद्यमी, किसान, स्टार्टअप, कर्मचारी संगठनों समेत व्यापार के विभिन्न सेक्टर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतीया एवं महासचिव डॉ. प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इन विदेशी पूंजी पोषित कंपनियों के षड्यंत्रों को उजागर करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाने के लिए संयुक्त रणनीति तय करनी होगी।
क्योंकि इन कंपनियों के खिलाफ व्यापार और उद्योग के विभिन्न सेक्टर्स अब एक मंच पर आकर इन कंपनियों को सीधी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों की अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों का देशभर के व्यापारी पूरी ताकत से विरोध करेंगे। ताकि देश के खुदरा व्यापार को इनकी गिरफ़्त से बचाया जा सके।
इस अवसर पर कैट के प्रदेश सचिव अशोक माहेश्वरी एवं कोटा जिला अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने कहा कि राजस्थान में भी इन कंपनियों के खिलाफ एक बड़ी महिम छेडकर इनकी चालो से हम व्यापारियों के साथ आम उपभोक्ताओं को भी अवगत कराकर उन्हें जागरूक करेंगे। इन कंपनियों का सीधा प्रहार भारत के 9 करोड़ खुदरा व्यापारियों पड़ रहा है। यह कंपनियां सस्ते माल का प्रलोभन देकर आम उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रही है।
इन कंपनियों द्वारा दिए गए सामानों की गुणवत्ता व असली नकली की पहचान आम उपभोक्ता भी नहीं कर पा रहा है। साथ इन्होंने एफडीआई के नियमों की अवेहलना भी इन कंपनियों द्वारा की जा रही है। ये कम्पनियां अपनी पूंजी में से डिस्काउंट डालकर अवैधानिक तरीके अपना रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के खुदरा व्यापारियों को समाप्त करना है। ताकि बाद में अपनी मोनोपोली से आम उपभोक्ताओं को लूटा जा सके। इसको लेकर पूरे देश के खुदरा व्यापारी राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर आ चुके हैं और शीघ्र इसके खिलाफ प्रदेश स्तरीय अभियान चलाया जाएगा।
पूर्व मंत्री व मुख्य सलाहकार स्मृति ईरानी ने कहा कि हम पूरी ताकत से इन कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाकर इन कंपनियों की मनमानी को रोकेंगे। क्योंकि कई देशों में इन कंपनियों द्वारा 50% से भी अधिक खुदरा व्यापार को खत्म कर दिया है। अगर हम अभी भी जागरूक नहीं हुए और इन कंपनियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पूरे देश का खुदरा व्यापार समाप्त हो जाएगा।
जिस तरह से इन ई कॉमर्स कंपनियां होम डिलीवरी के माध्यम से घर-घर में डिलीवरी देकर आम उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही है। इससे पूरा खुदरा व्यापारी पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अतः इससे बचने के लिए हमें अपने व्यापार को सजग प्रहरी बनकर संयुक्त रूप से इन कंपनियों के अवैधानिक कार्यों को रोकना होगा। इन कंपनियों के जाल से निकलने के लिए हमें भी अपने व्यापार में आधुनिकता और नई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करना होगा ।



