कोटा। उत्साह, उमंग, हर्ष और उल्लास, रंग-बिरंगे कपड़ों और फूलों से सजा भव्य व दिव्य 30 फीट उंचा हाईड्रोलिक रथ, उस पर सवार जगत प्रभु भगवान जगन्नाथ और ढोल, नगाड़े और शंख की ध्वनि से भक्तिमय माहौल में हजारों की संख्या में जयकारें लगाते प्रभु जगन्नाथ के भक्त। उनको बलभद्र और सुभद्रा संग दर्शन देते नयनाभिराम विशेष पोशाक में प्रभु जगन्नाथ और चंदन की सुगंध बिखरते हुए जलवर्षा। यह नजारा था इस्कॉन कोटा द्वारा आयोजित रथ यात्रा की।
मायापुरवासी प्रभुजी ने बताया कि दोपहर 5 बजे गुमानपुरा स्थित शीतला माता मंदिर से प्रारंभ होकर रथयात्रा गीता भवन तक नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा, हरिनाम संकीर्तन और स्वागत से प्रभु का अभिनंदन किया।

भव्य रूप से सजे रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी का विग्रह विराजमान रहा, जिसे भक्तों ने रस्सियों से खींचते हुए नगर भ्रमण कराया। रथ को वृंदावन से लाए गए सुगंधित फूलों, एलईडी लाइट्स और पारंपरिक कलाकृतियों से सजाया गया था, जिसने पूरे आयोजन को दिव्य आभा प्रदान की। रथयात्रा के समापन स्थल गीता भवन में विशाल धर्मसभा एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसायटी के स्टेट प्रेसिडेंट राजेश कृष्ण बिरला ने भी अपने उद्बोधन में कहा “ऐसे आयोजनों से समाज में शांति, सेवा और अध्यात्म का विस्तार होता है
भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय संस्कार सचिव किशन पाठक ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा “जगन्नाथ रथयात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह हमारी संस्कृति की जीवंत परंपरा है जो समाज को एकसूत्र में पिरोती है।”
उन्होंने शोभा मार्ग को झाड़ू से साफ करके रथ यात्रा का शुभारंभ किया. नगर निगम के अनुराग भटनागर भी रथ यात्रा से जुड़े।”भगवान बिरला ने कहा “भगवान जगन्नाथ की कृपा से हम सभी को इस रथयात्रा में सेवा करने का सौभाग्य मिला। 15,000 श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण, जल और फलाहार की व्यवस्थाएं इसी सेवा भाव की प्रतीक हैं।”

