नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने शुक्रवार को 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी हैं। यह जानकारी इंडिगो सीईओ पीटर एल्बर्स ने दी है। उन्होंने कहा कि यह कुल दैनिक उड़ानों की आधी संख्या है। उधर केंद्र सरकार ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।
हालांकि, इंडिगो सीईओ ने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कल यानी शनिवार को रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या 1000 से कम रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी और 10 से 15 दिसंबर के बीच उड़ानों की स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई।
एल्बर्स ने एक वीडियो संदेश में उड़ानें रद्द होने के कारण यात्रियों को हुई भारी असुविधा के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा-दुर्भाग्यवश पिछले कुछ दिनों में उठाए गए कदम पर्याप्त साबित नहीं हुए हैं। इसलिए हमने आज अपनी सभी प्रणाली और समय-सारिणियों को पुनः चालू करने का निर्णय लिया है।
इसके परिणामस्वरूप अब तक सबसे अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं, लेकिन यह सुधार और कामकाज बेहतर बनाने के लिए जरूरी है। एल्बर्स के मुताबिक हम उम्मीद करते हैं कि कल रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या 1,000 से कम रहेगी। विशिष्ट एफडीटीएल (उड़ान ड्यूटी समयसीमा) कार्यान्वयन राहत प्रदान करने में डीजीसीए का सहयोग मददगार साबित हुआ है।
दरअसल, इंडिगो के पायलटों के उड़ान-समय के लिए नए नियमों की योजना बनाने में विफल रहने के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ। लोगों का गुस्सा बढ़ने और विपक्षी दलों के सरकार को घेरने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हस्तक्षेप करते हुए इंडिगो के पायलटों के लिए रात्रि ड्यूटी के कड़े नियमों से अस्थायी छूट दे दी।
इंडिगो का संकट उन नए नियमों से खड़ा हुआ जिनके तहत पायलटों के साप्ताहिक आराम की जरूरत के समय को 12 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया। साथ ही सप्ताह में केवल दो बार रात में लैंडिंग की अनुमति दी गई है, जो पहले छह हुआ करती थी। इंडिगो ने इन व्यवधानों के लिए गलत फैसलों और योजनागत कमियों को जिम्मेदार ठहराया है।
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
मामला राजनीतिक गलियारों तक पहुंचा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधान को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह संकट इस सरकार के एकाधिकार मॉडल का परिणाम है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इंडिगो का संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का परिणाम है। उड़ानों में देरी व उनके रद्द होने से एक बार फिर इसकी कीमत आम भारतीयों को चुकानी पड़ रही है।
सरकार का बयान
हवाई अड्डों पर तीन दिन से मची अफरा-तफरी के मद्देनजर नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बयान में कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले तीन दिन में सेवाएं पूरी तरह बहाल हो जाएंगी। विभिन्न परिचालनात्मक कदमों की शुरुआत के साथ कल (शनिवार) तक सेवाएं सामान्य हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नए उड़ान शुल्क मानदंडों को स्थगित रखा जा रहा है और परिचालन को सामान्य बनाने के लिए अन्य परिचालनात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान के कारणों का पता लगाने और जवाबदेही तय करने के लिए उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उड़ान ड्यूटी मानदंडों में ढील देते हुए डीजीसीए ने छुट्टियों के स्थान पर साप्ताहिक विश्राम अवधि की अनुमति दे दी।
केंद्र सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
भारत सरकार ने एयरलाइन कंपनी इंडिगो की सेवाओं में आई दिक्कतों की उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार की ओर से यात्रियों की दिक्कतों को कम करने के लिए 24X7 कंट्रोल रूम बनाया है।इसके अलावा केंद्र सरकार ने इंडिगो को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन के नए नियमों में राहत दी है। सरकार ने कहा है कि एयर सेफ्टी से कोई समझौता किए बिना, यह फैसला पूरी तरह से यात्रियों के हित में लिया गया है। उधर, विमानन नियामक डीजीसीए ने भी इंडिगो एयरलाइंस के परिचालन में समस्या पैदा करने वाली परिस्थितियों की व्यापक समीक्षा और मूल्यांकन के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया है।

