आरटीओ ऑफिस के 9 पद पर काम कर रहे 136 सूचना सहायक, जांच में खुलासा

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जयपुर। डीटीओ और आरटीओ ऑफिसों में रोस्टर प्रणाली लागू करने में हो रही गड़बड़ी से खफा परिवहन मंत्री ने पिछले दस साल से बदले गए अफसरों व कर्मचारियों की जो जांच बैठाई है। उसमें सामने आया है कि जयपुर आरटीओ आफिस और अजमेर आफिस में लगे 5 डीटीओ 22 इंस्पेक्टर व 32 बाबू व अन्य कर्मचारी ऐसे हैं जो कभी जिले के छोड़कर गए ही नहीं।

कई अफसर तो कार्यवाहक डीटीओ के रूप में जिस सीट पर लगे थे उसी आफिस में डीटीओ और एआरटीओ तक पदोन्नत हो गए। लेकिन कभी जिला नहीं छोड़ा। यही नहीं कई बाबू ऐसे हैं जिन्होंने अपने हिसाब से तबादले करवा लिए और दूर जाना तो छोड़ वे एक ही कमरे में एक सीट छोड़कर दूसरी पर लग गए।

यही नहीं, परिवहन मंत्री की जांच में ज्यादा चौंकाने वाला मामला सूचना सहायकों का सामने आया है कि परिवहन विभाग में सूचना सहायकों के कुल 9 ही पद हैं, जबकि परिवहन विभाग के विभिन्न दफ्तरों में 136 सूचना सहायक व प्रोग्रामर काम कर रहे हैं।

सूचना सहायकों का मुख्य कार्य सूचना आदान प्रदान करने का है, लेकिन यह बाबूओं की आईडी पर लगे हुए हैं और कई जगह तो पब्लिक डीलिंग कार्य भी इनके द्वारा ही किए जा रहे हैं। वर्ष 2013 के बाद सूचना सहायकों ने कभी जिला छोड़ा ही नहीं। कारण उनकी पोस्ट ही नहीं हैं।

जयपुर आरटीओ आफिस में सूचना सहायक की 2 ही पोस्ट होने के बावजूद यहां पर 7 सूचना सहायक कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा परिवहन मुख्यालय में सूचना सहायक का एक भी पद नहीं हैं, फिर भी वहां पर 5 कर्मचारी लगे हुए हैं।

उधर, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रोस्टर प्रणाली लागू करने वाले अफसरों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि रोस्टर प्रणाली की बात करने वाले अफसर यह देखना ही भूल गए कि जो पद था ही नहीं उसके एवज में भी परिवहन विभाग को तनख्वाह देनी पड़ रही है। राजस्व वसूली पर फोक्स नहीं हैं। इन्हें बाहर भेजा जाएगा