नई दिल्ली। Review of Income Tax Bill 2025: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आयकर विधेयक की समीक्षा के लिए शुक्रवार को निचले सदन की 31 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन किया। भाजपा के बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली इस समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। संसद का बजट सत्र चार अप्रैल को समाप्त होगा। मानसून सत्र जुलाई के तीसरे या चौथे सप्ताह में शुरू हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पेश किया था। विधेयक पेश करते समय वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष से विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया था।
नया आयकर विधेयक 2025, आयकर कानून 1961 का स्थान लेगा। इसे अप्रैल 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित विधेयक में, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के दौरान मूल्यांकन वर्ष की जगह टैक्स ईयर शब्दावली का प्रयोग किया जाएगा ताकि भ्रम की स्थिति न पैदा हो।
नए इनकम टैक्स बिल में क्या है खास
आइए जानते हैं कि इस आयकर बिल में क्या खास है और इससे टैक्सपेयर्स को क्या लाभ होगा।
नया इनकम टैक्स बिल क्यों बना
नए इनकम टैक्स बिल का मकसद कानून को सरल और स्पष्ट बनाना है। इस नए बिल से लगभग 3 लाख शब्द कम किए गए हैं। इससे कानून अधिक सुगम और समझने में आसान होगा। साथ ही, बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने और टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
880 की जगह 622 पन्ने
नए इनकम टैक्स बिल को पहले आयकर कानून 1961 की जगह पेश किया गया है। पुराने कानू में कुल 880 पन्नों थे। नए कानून में 622 पन्ने रखे गए हैं। इसमें ज्यादातर सबसेक्शन खत्म कर दिए गए हैं। नए कानून को इनकम टैक्स एक्ट, 2025 कहा जाएगा।
पुराने और गैरजरूरी प्रावधान हटाए: इससे कानून अधिक प्रासंगिक हो गया है। मुकदमेबाजी कम करने और टैक्स मामलों को जल्दी सुलझाने पर ध्यान दिया गया है। इसे आम नागरिकों के समझने लायक बनाया गया है।
आसान और स्पष्ट भाषा: पुराने कानून में इस्तेमाल किए गए जटिल शब्दों को सरल बना दिया गया है। जैसे ‘नॉटविथस्टैंडिंग’ (Notwithstanding) को ‘इरिस्पेक्टिव ऑफ एनीथिंग’ (Irrespective of anything) में बदला गया है। इससे आम लोगों के लिए कानून पढ़ना और समझना आसान होगा।

