विशेष थीम पर आधारित एकमात्र प्रोजेक्ट पूरे राजस्थान में केवल हाड़ोती के लिए स्वीकृत
कोटा। राष्ट्रीय कृषि अनुसन्धान परिषद के माध्यम से हाड़ौती में प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान किया जाएगा। राजस्थान से विशेष थीम पर आधारित एकमात्र प्रोजेक्ट पूरे केवल हाड़ोती के लिए स्वीकृत हुआ है, जो देशभर के टॉप 5 प्रोजेक्ट्स में शामिल है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में रासायनिक कृषि के दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। जिसमें राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन सबसे महत्वपूर्ण मिशन है। जिस पर भारत सरकार प्राथमिकता से प्रयासरत है।
विदित है हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन का श्रीगणेश किया। इसी संदर्भ में भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय प्राकृतिक मिशन के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा प्रतिस्पर्धी अनुसंधान अनुदान योजना संचालित की गई हैl
इसका प्रबंधन भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ द्वारा किया गया। जिसके तहत संपूर्ण देश भर से 467 प्रोजेक्ट प्राप्त हुए। जिसमें विशेष छंटनी के द्वारा केवल 19 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं।
इसमें शीर्ष 5 की सूची में कोटा के गोयल ग्रामीण विकास संस्थान के द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा प्रेषित प्रोजेक्ट का नाम दर्ज हुआ है। इस प्रतियोगिता में अलग-अलग थीम तय हुई थी। जिसमें फसल उत्पादकता, गुणवत्ता एवं लाभप्रदता के विषय पर संपूर्ण राजस्थान का एक मात्र प्रोजेक्ट हाड़ोती क्षेत्र के लिए कोटा जिले को प्राप्त हुआ है।
इस प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक कृषि विज्ञानी पवन कुमार टाक ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र में प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में साबित होगा। प्रोजेक्ट की रचना संस्थान के चेयरमेन ताराचंद गोयल के मार्गदर्शन एवं साथी वैज्ञानिकों के सहयोग से की गई है।
यहां विकसित कम्पोस्ट निर्माण विधि, गोमूत्र चूना प्रयोग एवं ताजे गोबर पर विस्तृत अनुसंधान कार्य हमारे संस्थान के साथ साथ कृषि विश्वविद्यालय कोटा के कृषि अनुसंधान केंद्र उम्मेदगंज पर भी होगा। जहां इसका संचालन डॉ. भवानीशंकर मीणा (क्षेत्रीय निदेशक, ए आर एस-उम्मेदगंज) के द्वारा होगा।

