आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च की बिजाई कम होने से तेजी का अनुमान

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नई दिल्ली। लालमिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में दूसरे वर्ष भी लालमिर्च की बिजाई कम क्षेत्रफल पर की गई है। बिजाई के पश्चात मौसम प्रतिकूल होने से आने वाली जनवरी-फरवरी माह में फसल भी गत वर्ष की तुलना में कम रहेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में आंध्र प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई का क्षेत्रफल 5.91 लाख एकड़ का रहा था जोकि वर्ष 2024 में 39 प्रतिशत घटकर 3.63 लाख एकड़ पर आ गया।

वर्ष 2025 के दौरान भी बिजाई क्षेत्रफल में 29 प्रतिशत की कमी रही और बिजाई 2.60 लाख हेक्टेयर पर की गई। बिजाई कम रहने के अलावा गत दिनों आए चक्रवात से भी फसल को नुकसान हुआ है।

तेलंगाना में भी लालमिर्च की बिजाई इस वर्ष भी कम रही है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में लालमिर्च की बिजाई 3.41 एकड़ पर की गई थी जोकि वर्ष 2024 में घटकर 2.22 लाख एकड़ एवं वर्ष 2025 में 1.38 लाख एकड़ पर किए जाने के समाचार मिल रहे हैं।

लालमिर्च की कीमतों में तेजी का दौर बना हुआ है। विगत एक पखवाड़े के दौरान लालमिर्च के दाम 15/20 रुपए प्रति किलो तक बढ़ गए हैं। अभी भी बाजार में धारणा तेजी की बनी हुई है। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर अच्छी क्वालिटी के मालों की कमी बनी हुई है। साथ ही नए मालों की आवक का दबाव जनवरी-फरवरी माह में बनेगा।

लालमिर्च की कीमतों में सर्वाधिक तेजी 341 क्वालिटी में दर्ज की गई है। गुंटूर मंडी में 341 क्वालिटी का भाव 175/180 रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। जोकि अक्टूबर माह के अंत में 158/160 रुपए चल रहा था।

वर्तमान में तेजा क्वालिटी का भाव 153/154 रुपए बोला जा रहा है जोकि अक्टूबर अंत में 147/148 रुपए बोला जा रहा था। लगातार बढ़ती कीमतों के कारण वर्तमान में निर्यातकों की लिवाली प्रभावित हुई है।

जिस कारण से तेजा क्वालिटी के भाव दबे हुए हैं। लेकिन हाल-फिलहाल अधिक मंदा संभव नहीं है। आगामी दिनों में फिर भाव बढ़ने की संभावना है। सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2026 के दौरान लालमिर्च के भाव ऊंचे रहने की संभावना है।