वाशिंगटन। अमेरिका ने ईरान के ऊर्जा व्यापार को तबाह करने के इरादे से 50 से ज्यादा संस्थाओं और लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंधित किए गए लोगों में दो भारतीय नागरिक और उनकी कंपनियां भी शामिल हैं। अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने गुरुवार को इन प्रतिबंधों का एलान किया।
विभाग ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंधित किए गए लोगों और कंपनियों ने ईरान के अरबों डॉलर के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में मदद की, जिससे ईरान को काफी राजस्व मिला और इस राजस्व से ईरान ने अमेरिका के खिलाफ खतरा पैदा करने वाले आतंकी समूहों की मदद की।
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि वित्त विभाग ईरान के ऊर्जा व्यापार निर्यात में मददगार तत्वों को नष्ट करके ईरान के नकदी प्रवाह को कम कर रहा है। परमाणु कार्यक्रम के लिए अमेरिका ने ईरान पर बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
हालांकि इन प्रतिबंधों के बावजूद ईरान अवैध या छद्म तरीके से दुनिया के कई देशों को तेल का निर्यात कर रहा है। अमेरिका का आरोप है कि हमास, हिजबुल्ला और यमन में हूती विद्रोहियों की फंडिंग भी ईरान द्वारा की जा रही है। ऐसे में अब अमेरिका ने ईरान के तेल निर्यात को तबाह करने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और ताजा कदम भी उसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
इन भारतीयों पर लगा प्रतिबंध
जिन भारतीयों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें भारतीय नागरिकों में वरुण पुला भी शामिल हैं। वरुण पुला मार्शल द्वीप समूह स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक हैं। उनकी कंपनी कोमोरोस के झंडे वाले पोत पामीर का स्वामित्व और संचालन करती है। अमेरिका के अनुसार, पोत पामीर ने जुलाई 2024 से चीन को लगभग 40 लाख बैरल ईरानी एलपीजी पहुंचाया है।
अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित की गईं दूसरी भारतीय नागरिक सोनिया श्रेष्ठ हैं, जो वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की मालिक हैं। यह कंपनी कोमोरोस का झंडा लगे पोत, नेप्टा, का स्वामित्व और संचालन करती है। इस पोत के जरिए सोनिया श्रेष्ठ की कंपनी ने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में ईरानी एलपीजी पहुंचाया गया है। प्रतिबंधित किए गए लोगों की अमेरिका में मौजूद संपत्ति को जब्त किया जाएगा।

