अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर से लैपटॉप भी होंगे महंगे, कंपनियों ने सप्लाई रोकी

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नई दिल्ली। US-China Tariff: अमेरिका-चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर ने लैपटॉप मैन्‍युफैक्‍चरर्स को हिलाकर रख दिया है। दुनियाभर में पीसी की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन सस्‍ते पीसी अपना सपना बन सकते हैं। अमेरिका ने चीन पर जो 125% टैरिफ ठोका है, उससे पहले ही कंपनियों ने अपने लैपटॉप की सप्‍लाई को रोक दिया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लैपटॉप बनाने वाली कई बड़ी कंपनियों ने यूएस को लैपटॉप्‍स की सप्‍लाई रोक दी है। इनमें लेनोवो, डेल, एचपी, एसर, आसुस जैसे बड़े नाम शामिल हैं। दरअसल, सभी कंपनियों को अमेरिका में लैपटॉप सप्‍लाई करने में नुकसान हो रहा है। ऐसे में उनके पास अब कोई विकल्‍प नहीं बचा है।

टेक कंपनियों में ऐपल सबसे ज्‍यादा खुशकिस्‍मत रही, जिसने नया टैरिफ लागू होने से पहले ही अमेरिकी गोदामों में माल भर लिया था। कंपनी ने 5 हवाई जहाजों में भरकर आईफोन अमेरिका पहुंचाए और गोदाम पैक कर लिए। कहा जा रहा है कि इससे ऐपल को कुछ समय तक आईफोन की कीमतें कम रखने में मदद मिलेगी। लेकिन लैपटॉप बनाने वाली कंपनियां ऐसा नहीं कर पाई हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, टैरिफ लगने की वजह से तमाम पीसी मैन्‍युफैक्‍चरर्स ने लैपटॉप और उनक पार्ट्स को यूएस भेजना बंद किया है। यह डिलिवरी फ‍िलहाल के लिए दो हफ्तों तक रोकी गई है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। कंपनियां यह कैलकुलेट कर रही हैं कि नए टैरिफ से उन्‍हें कितना नुकसान होगा। कहा जा रहा है कि रेजर और फ्रेमवर्क जैसी कंपनियों ने अमेरिका में अपने लैपटॉप्‍स की बिक्री को रोक दिया है, क्‍योंकि अब वह मुनाफे का सौदा नहीं रह गए।

हाल के वर्षों में लैपटॉप मैन्‍युफैक्‍चरर्स ने प्राइस कम रखकर उपभोक्‍ताओं को खूब लुभाने की कोशिश की, लेकिन अब कहा जा रहा है कि सस्‍ते लैपटॉप ख्‍वाब बन सकते हैं। दुनियाभर के देशों को जिस तरह से अमेरिकी टैरिफ का सामना करना पड़ा है, उससे सस्‍ते लैपटॉप चाहने वालों के लिए मुश्किल होने वाली है। कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि किन देशों पर इसका ज्‍यादा असर होगा।

हाल में आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में पीसी-लैपटॉप की डिमांड बढ़ी है। इस साल की पहली तिमाही में पीसी की सेल करीब 5 फीसदी बढ़ी है। इसकी एक वजह बड़ी मात्रा में प्री-ऑर्डर भी रहे। कंपनियों ने नए टैरिफ लगने से पहले ही ऑर्डर दे दिए थे। हालांकि इस साल लैपटॉप की कीमत बढ़ने से इस सेक्‍टर में डिमांड कम हो सकती है।