नई दिल्ली। अमेरिका ने बुधवार को भारत सहित छह देशों में स्थित 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस बार प्रतिबंधों की वजह रूसी तेल नहीं है। अमेरिका ने हालिया एक्शन कथित तौर पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन उत्पादन का समर्थन करने के आरोप में लिया है।
प्रतिबंधित कंपनियों और व्यक्तियों के नाम या विवरण उल्लेख किए बिना, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की ओर से ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (UAV) उत्पादन का समर्थन करने वाले कई खरीद नेटवर्क संचालित करने के लिए कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा रहा है।
भारत के अलावा, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की स्थित संस्थाओं और व्यक्तियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह कार्रवाई ईरान द्वारा मिसाइलों और अन्य पारंपरिक हथियारों को विकसित किए जाने का मुकाबला करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के अनुरूप है। मंत्रालय ने कहा कि ये कंपनियां ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) उत्पादन की मदद करने वाले कई खरीद नेटवर्क संचालित करती थीं।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के सचिव (आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया) जॉन के. हर्ले ने कहा है कि ईरान धनशोधन और अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों के लिए पुर्जे खरीदने के लिए विश्व भर की वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग करता है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर, हम ईरान पर उसके परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए अधिकतम दबाव डाल रहे हैं।’’

