अब आरटीयू के छात्र रेलवे सिग्नलिंग एवं कवच सिस्टम का करेंगे अध्ययन

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रेलवे और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

कोटा। भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग, दूरसंचार संस्थान और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के बीच गुरुवार को एक एमओयू हुआ है। इसके तहत छात्रों को रेलवे सिग्नलिंग और कवच को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जायेगा।

एमओयू के माध्यम से यह साझेदारी राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को इरिसेट की उन्नत सुविधाओं और प्रशिक्षण संसाधनों तक पहुँच प्रदान करेगी, जिससे रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम, विशेष रूप से कवच प्रणाली में छात्रों की समझ में काफी वृद्धि होगी और परिवहन के क्षेत्र में ज्ञान और कौशल में वृद्धि होगी।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि भारतीय रेलवे ने ट्रेन संचालन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) विकसित की है। यह प्रणाली ट्रेन की गति की निगरानी करती है और लोको पायलट की प्रतिक्रिया न होने पर स्वचालित ब्रेक लगाती है, जिससे दुर्घटनाओं की रोकथाम होती है।

उन्होंने बताया कि इस एमओयू के माध्यम से आरटीयू के छात्रों को न केवल रेलवे तकनीक का व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि यह साझेदारी उनकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगी।

उन्होंने बताया कि कवच प्रणाली के अध्ययन से छात्रों को रेलवे में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और भारत की रेलवे सुरक्षा में उनके योगदान की संभावनाएं बढ़ेंगी। यह समझौता रेलवे तकनीक और शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है, जो भारत के तकनीकी और औद्योगिक विकास को मजबूती देगा।

एमओयू पर इरिसेट सिकंदराबाद के महानिदेशक शरद कुमार श्रीवास्तव, आरटीयू के कुलपति प्रोफेसर एस.के.सिंह ने पश्चिम मध्य रेलवे/कोटा के मुख्य सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर/परियोजना सचिन शुक्ला और आरटीयू के डीन डॉ. वी.के. गोराना और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।