नई दिल्ली। अच्छे बाजार भाव और औद्योगिक उपयोगों के चलते इस बार खरीफ सीजन में मक्का की बुवाई में यह उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विभिन्न राज्यों के कृषि विभागों के अनुसार, 25 जुलाई 2025 तक देशभर में कुल 85.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का व बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 78.92 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 6.66 लाख हेक्टेयर अधिक है।
राज्यवार बुवाई की स्थिति
- कर्नाटक में सबसे अधिक बुवाई हुई है- 16.28 लाख हेक्टेयर, जो पिछले वर्ष से 1.68 लाख हेक्टेयर अधिक है।
- महाराष्ट्र में भी बुवाई में तेजी आई है। इस बार 13.84 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई, जबकि पिछले साल यह 10.51 लाख हेक्टेयर थी – यानी 3.33 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी।
- तेलंगाना में 1.66 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी के साथ इस साल कुल बुवाई 5.46 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई है।
- राजस्थान और आंध्र प्रदेश में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
- गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां मक्का की बुवाई 0.28 लाख हेक्टेयर घटकर 2.53 लाख हेक्टेयर रह गई।
- उपरोक्त प्रमुख छह राज्यों में कुल 48.54 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुवाई हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.63 हेक्टेयर अधिक है।
बाजार और उत्पादन पर असर
मक्का की बुवाई में यह उल्लेखनीय वृद्धि इसके अच्छे बाजार भाव और औद्योगिक उपयोगों के चलते दर्ज की गई है।यदि मौसम अनुकूल रहा तो इस वर्ष मक्का का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच सकता है।अब मक्का का इस्तेमाल ईंधन (इथेनॉल) बनाने में भी हो रहा है, जबकि पहले यह मुख्य रूप से मानव और पशु आहा-तथा स्टार्च उत्पादन में प्रयुक्त होता था।हालांकि, लगातार बढ़ते उत्पादन के साथ-साथ अब अन्य विकल्पों से भी इथेनॉल बनाया जा रहा है, जिससे भविष्य में मक्का की मांग पर असर पड़ सकता है। मक्का में तेजी के सौदों से फिलहाल परहेज करें।

