अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर अरावली और हिमालय को बचाने का संकल्प

0
14

कोटा। अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर गुरुवार को आयोजित संगोष्ठी में पर्यावरणविदों ने संकल्प लिया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से हमारी विरासत अरावली पर्वतमाला पर जो संकट आया है और विकास के नाम पर हिमालय पर्वत के साथ जो छेड़छाड़ हो रही है उसको लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर सभी ने अरावली और हिमालय को बचाने का संकल्प लिया।

चम्बल संसद और बाघ -चीता मित्र के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि गुरुवार को अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में आयोजित संगोष्ठी में चंबल संसद के अध्यक्ष केबी नंदवाना ने कहा कि सरकार को पहाड़ों नदियों पेड़ पौधों का संरक्षक बनकर काम करना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय को भी अरावली की जो नई परिभाषा निश्चित की गई है उसमें बदलाव करते हुए शीघ्र कदम उठाना चाहिए। इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी जीडी पटेल ने कहा की जनसंख्या के बढ़ते दबाव को नियंत्रित करना चाहिए और किसी भी कीमत पर पहाड़ों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

संसद के संरक्षक यज्ञदत्त हाडा ने कहा कि विकास के बहाने पहाड़ों के साथ भयंकर छेड़छाड़ की गई है उसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में भी लोग जन आंदोलन कर रहे हैं।

बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि सभी नदियां पहाड़ों के कारण ही निकली है यदि पहाड़ संकट में है तो नदियों के साथ सभ्यता भी सूख जाएगी। गोवर्धन पर्वत पर भी संकट खड़ा हो सकता है।

खनन से बंशीपुर जैसे कई पहाड़ समाप्त हो गए हैं। अरावली विरासत बचाओ अभियान को देशव्यापी समर्थन मिल रहा है। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो अरावली की नई परिभाषा दी है उससे चिंता होना स्वाभाविक है। वन भूमि को किसी भी हालत में नष्ट करना संभव नहीं है।

उपाध्यक्ष अनिता चौहान ने कहा कि पहाड़ और नदियां प्रकृति के उपहार हैं, इन्हें हर कीमत पर बचाना चाहिए। पहाड़ और नदियां जीवित इकाई है। भाजपा नेता डॉ. एल एन शर्मा ने भी पहाड़ों की रक्षा करने की बात कही। थर्मल के पूर्व अधिकारी डीके शर्मा ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बिगड़ा तो सनातन संस्कृति नष्ट हो जाएगी।

अध्यक्षता करते हुए यज्ञदत्त हाडा ने बताया कि पहाड़ों की पुकार को अनसुना नहीं कर सकते। आगामी 14-15 दिसंबर को गंगौत्री से पैदल यात्री पर्यावरणविद रोबिन सिंह अपने दल के साथ कोटा आ रहें हैं।

समाजसेवी जीडी पटेल ने भी पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। आर्किटेक्ट ज्योति सक्सेना, ज्योतिषाचार्य मनोज यादव एवं वन विभाग के लोगों ने भी विचार व्यक्त कर पहाड़ों के संरक्षण पर जोर दिया।