इंदौर। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयाबीन खली की मांग घटी है। कम मांग के कारण देश से निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस उत्पाद के निर्यात में तेल विपणन वर्ष 2024-25 (अक्तूबर 2024 से सितंबर 2025) के दौरान 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इंदौर के सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के अनुसार, इस अवधि में जर्मनी, फ्रांस, नेपाल, बांग्लादेश और केन्या भारतीय सोयाबीन खली के शीर्ष आयातक रहे। इन्होंने देशों ने भारत के कुल निर्यात का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा खरीदा। पिछले वर्ष यानी 2023-24 में भारत का निर्यात 22.75 लाख टन था।
SOPA के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया कि अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे प्रमुख निर्यातकों की तुलना में भारतीय सोयाबीन मील की कीमतें अधिक होने से विदेशी मांग में गिरावट आई है।
बता दें कि सोयाबीन खली तेल निकालने के बाद बचा उत्पाद होता है। इसे प्रोटीन का प्रमुख स्रोत माना जाता है। पशु, पॉल्ट्री व मछली चारे के साथ खाद्य उत्पादों में भी इसका उपयोग किया जाता है।

