खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए किसानों को मुफ्त बीज देगी केंद्र सरकार

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नई दिल्ली। तिलहन के उत्पादन में आत्म-निर्भरता के लिए सरकार ने बहुआयामी रणनीति अपनाई है। Ministry of Agriculture and Faremr Welfare Ministry की इस रणनीति के तहत सरकार ज्यादा उपज वाले तिलहन के बीज मुफ्त किसानों को देगी।

सरकार इस रणनीति के तहत 2021 के खरीफ सीजन में किसानों को ज्यादा उपज वाले बीजों की मिनी किट बांटेगी। विशेष खरीफ (Special Kharif) कार्यक्रम के तहत तिलहन की खेती के लिए अतिरिक्त 6.37 लाख हेक्टेयर का इस्तेमाल होगा। इससे देश में 120.26 लाख क्विटंल तिलहन (Oilseed) और 24.36 लाख टन खाद्य तेल का उत्पादन होने की संभावना है।

तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता है लक्ष्य
सरकार काफी समय से देश को तिलहन के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। देश में तिलहन (Oilseed) का उत्पादन कम होता है, जिससे सरकार को हर साल काफी मात्रा में खाद्य तेलों (edible oil) का आयात करना पड़ता है। इस पर काफी विदेशी मुद्रा (foreign currency) खर्च होती है। दूसरी तरफ आयातित खाद्य तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है।

राज्यों सरकारों से हो चुकी है चर्चा
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ज्यादा उपज (high yield) वाले तिलहन के बीजों के इस्तेमाल से देश में तिलहन (oilseed) का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। पिछले महीने एक विशेष कार्यक्रम में राज्य सरकारों के साथ विशेष खरीफ योजना पर चर्चा हुई थी। इस साल 30 अप्रैल को खरीब कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया गया था।

इंटरक्रॉपिंग के लिए बीजों का वितरण
विशेष खरीफ योजना के तहत इंटरक्रॉपिंग (intercropping) के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना और छत्तीसगढ के 41 जिलों में सोयाबीन के बीजों का वितरण किया जाएगा। इस पर 76.03 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। 1,47,500 हेक्टेयर में इन बीजों का इस्तेमाल होगा। देश के 8 राज्यों के ज्यादा संभावना वाले 73 जिलों में भी सोयाबीन के बीजों का वितरण किया जाएगा। इन बीजों का इस्तेमाल 3,90,000 हेक्टेयर में होगा। बीजों के वितरण पर 104 रुपये का खर्च आएगा।

9 राज्यों में बांटी जाएंगी मिनी किट
इस योजना के तहत 9 राज्यों के 90 जिलों में मिनी किट्स (mini kits) का वितरण किया जाएगा। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, यूपी, छत्तीसगढ़ और गुजरात शामिल हैं। इस पर कुल 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन बीजों का इस्तेमाल 1,006,636 हेक्टेयर में होगा। इन जिलों में कुल 8,16,435 मिनी किट बांटी जाएंगी।

सोयाबीन (soyabean) के इन बीजों की उपज प्रति हेक्टेयर 20 क्विंटल से कम नहीं होगी। इंटरक्रॉपिंग और ज्यादा संभावना वाले जिलों में बीजों का वितरण राज्यों की बीज एजेंसियां करेंगी। मिनी किट के लिए बीजों का वितरण केंद्र सरकार की बीज उत्पादक एजेंसियां करेंगी। मूंगफली की 74,000 मिनी किट का भी वितरण होगा। इन्हें 7 राज्यों में किया जाएगा। इनमें गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। इस पर कुल 13.03 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन बीजों की उपज प्रति हेक्टेयर 22 क्विंटल से कम नहीं होगी।

नेशनल मिशन क्या है?
सरकार तिलहन (oilseed) और पाम ऑयल (palm oil) पर नेशनल मिशन के माध्यम से देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाना चाहती है। सरकार का मानना है कि तिलहन और पाम ऑयल की उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने से खाद्य तेलों के आयात में कमी आएगी।