अमेरिका स्थित शोध समूह ग्लोबल फाइनेंस इंटेग्रिटी ने अपने आकलन में कहा था कि 2005 से 2014 के दौरान भारत में अनुमानित तौर पर 770 अरब डॉलर के कालेधन ने प्रवेश किया है।
नयी दिल्ली । देश और विदेश में भारतीयों द्वारा रखे गए कालेधन पर तैयार की गई तीन अध्ययन रपटें सरकार ने तीन साल बाद वित्त पर संसद की स्थायी समिति को भेज दी हैं। वित्त मंत्रालय ने यह रपटें भेजी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह अध्ययन पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरु हुए थे। इन्हें दिल्ली आधारित राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी), राष्ट्रीय एप्लाइड आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) और फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम) ने किया था।
एनआईपीएफपी ने सरकार को अपनी रपट 30 दिसंबर 2013, एनसीएईआर ने 18 जुलाई 2014 और एनआईएफएम ने 21 अगस्त 2014 को जमा की थी। अधिकारियों ने कहा कि एक बार समिति से मंजूरी मिल जाने के बाद इन रपटों को संसद में पेश किया जा सकता है। मौजूदा वक्त में भारत और विदेश में कितना कालाधन मौजूद है इसे लेकर कोई आधिकारिक आकलन नहीं हैं।
हाल ही में अमेरिका स्थित शोध समूह ग्लोबल फाइनेंस इंटेग्रिटी (जीएफआई) ने अपने आकलन में कहा था कि 2005 से 2014 के दौरान भारत में अनुमानित तौर पर 770 अरब डॉलर के कालेधन ने प्रवेश किया है। इसी अवधि में करीब 165 अरब डॉलर की अवैध राशि देश से बाहर गई है।