नई दिल्ली। लगातार चार सेशन तक बढ़त दिखाने वाला शेयर बाजार मंगलवार को धाराशायी हो गया। शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। दिसंबर 2016 के बाद से शेयर बाजार में मंगलवार को सबसे अधिक गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स 362.43 और निफ्टी 116.75 अंक टूटकर क्रमशः 31,388.39 और 9,796 पर बंद हुआ। नॉर्थ कोरिया की तरफ से जापान पर छोड़ा गया मिसाइल भी इस गिरावट की वजह बना।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप, दोनों ही सूचकांकों में 100 पॉइंट से अधिक की गिरावट हुई। सेंसेक्स में करीब 1.19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। निफ्टी में भी 1.26 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
एनटीपीसी के शेयरों में 2.83 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। सरकार के एनटीपीसी में 10 फीसदी तक के शेयर के लिए दो दिनों के ऑफर फॉर सेल (OFS) की घोषणा का असर कंपनी के शेयरों पर पड़ा।
एचडीएफसी (2.14 फीसदी गिरावट), सन फार्मा (2.01 फीसदी गिरावट) और रिलायंस (1.94 फीसदी गिरावट) को मिले झटके के असर से भी सेंसेक्स टूटा। दलाल स्ट्रीट पर चल रही चर्चाओं के मुताबिक शेयर बाजार टूटने की एक प्रमुख वजह वैश्विक भी रही।
कोरियाई प्रायद्वीप में भूराजनीतिक तनाव
वैश्विक वजहों की वजह से एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। कोरियाई प्रायद्वीप में पैदा हुए भूराजनीतिक तनाव की वजह से भी शेयर बाजार धाराशायी हुआ।
इस तनाव की शुरुआत नॉर्थ कोरिया द्वारा जापान की तरफ मिसाइल छोड़ने से हुई। साउथ कोरिया के दावों के मुताबिक मिसाइल जैसी चीज जापान के ऊपर से गुजरी। इसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव फैल गया।
इसके असर से वैश्विक बाजारों में यूरोपियन इंडेक्स में एक फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। यूरोपियन बाजार अपने 6 महीनों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया।