नई दिल्ली। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति में 3.7 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। बाजार में पिछले दो महीने की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट आने के चलते ऐसा हुआ है। सोमवार को बजार बंद होने तक बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3,71,883.82 करोड़ रुपये गिरकर 2,00,26,498.14 करोड़ रुपये रह गया। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 19 फरवरी को 2,03,98,381.96 करोड़ रुपये पर रहा था।
लगातार पांचवें सत्र में सेंसेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को 1,145 अंक या 2.25 फीसद टूटकर 49,744.32 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 306.05 अंक या 2.04 फीसद टूटकर 14,675.70 पर बंद हुआ। कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड के तकनीकी शोध प्रमुख आशीष बिस्वास ने कहा, ‘बाजार 14,750 के निफ्टी-50 सूचकांक स्तर से ऊपर रहने में असमर्थ रहा है। अब तकनीकी फैक्टर्स आगे और गिरावट का समर्थन कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ट्रेडर्स को 14,300 से14,500 के स्तर तक गिरावट आने तक एक नई खरीदारी से परहेज करना चाहिए।
वहीं, कारोबारियों ने कहा कि कई राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने तथा मूल्यांकन के मोर्चे पर चिंता से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। पिछले पांच सत्रों में सेंसेक्स 2,409.81 अंक और निफ्टी 639 अंक टूट चुका है। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में डॉ. रेड्डीज का शेयर सबसे अधिक 4.77 फीसद टूट गया। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और टीसीएस के शेयर भी गिरावट में रहे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सिर्फ तीन ओएनजीसी, एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक में 1.14 फीसद तक का लाभ रहा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वायरस के मामले बढ़ने की वजह से आर्थिक अंकुश बढ़ रहे हैं। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई। एफएंडओ निपटान का सप्ताह होने की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा है।’’