मुंबई रूट के कोटा मंडल में अभी ट्रैक पर लगे प्वाइंट सामान्य हैं, ऐसे में ट्रेन को 130 की स्पीड से ही चलाया जा सकता है।
कोटा। दिल्ली-मुंबई के बीच हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट का काम 2020 से पहले शुरू होना संभव नहीं दिख रहा है। हाई स्पीड ट्रेन के लिए थिक वेव स्विच सिस्टम सबसे जरूरी है।
इस सिस्टम के कारण ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामने नहीं आती हैं। इस सिस्टम को लगाने में देरी से ही हाई स्पीड ट्रेन का प्रोजेक्ट प्रभावित होगा।
यह ट्रेन चलाने से पहले रेलवे को सिस्टम में कई बदलाव करने होंगे। आरओबी आरयूबी बनेंगे, सुधार किया जाएगा, सिग्नल सिस्टम अपग्रेड करना होगा। रूट अपग्रेड करने के लिए बजट में 10,000 करोड़ रुपए की घोषणा की जा चुकी है। दिल्ली-मुंबई रूट पर कोटा, रतलाम, बड़ौदा मुंबई मंडल हैं।
कोटा मंडल में सिर्फ 14 जगह ही लगे हैं ये स्विच
मथुरा से नागदा तक के 549 किमी में हाईस्पीड ट्रेन चलाने से पहले थिक वेव स्विच लगाने होंगे। तभी ट्रेन 140 160 की स्पीड से चल सकेगी।
अभी मंडल में 13-14 स्थानोंं पर ही ये स्विच लगे हैं। दिल्ली से मथुरा सेक्शन में ये स्विच लगाए जा चुके हैं, लेकिन रतलाम, बड़ौदा मथुरा में भी ये काम होना है। रूट पर ओवरहैड उच्च क्षमता के बिजली के तारों में सुधार करना होगा।
पिछले वर्ष इस रूट पर टैल्गो कोच का ट्रायल किया गया था। ट्रेन को 150 की स्पीड से चलाकर देखा गया था।
उस समय प्वाइंट पर पेड क्लेम यानी ताला लगाया गया था। ताकि रेल लाइन बदलने सिग्नल डाउन होने जैसा कोई खतरा नहीं होता। दिल्ली-मुंबई रूट पर अभी नई दिल्ली-मुंबई मेन राजधानी, निजामुद्दीन-बांद्रा, त्रिवेंद्रम राजधानी 130 की स्पीड से चलाई जाती हैं।