कोरोना के आंकड़े छुपा रही गहलोत सरकार, काेटा में संक्रमितों की रिपाेर्ट जारी नहीं

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कोटा। शहर में काेराेना संक्रमण बेकाबू हाे चुका है। दाे दिन में ही आंकड़ा एक हजार से ज्यादा पहुंचा ताे पूरा सिस्टम हिल गया। अब सरकार का जाेर काेराेना कंट्राेल से ज्यादा आंकड़ाें काे कंट्राेल करने पर दिख रहा है। इसी कारण रविवार से सरकार ने सेंसरशिप लागू कर दी। इसके तहत कोटा में स्थानीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारी कोविड से जुड़ी रिपोर्ट जारी नहीं करेंगे। अब जयपुर से ही शाम को एक रिपोर्ट जारी होगी, जिसमें बताया जाएगा कि कोटा में कितने मरीज आए।

अब तक पूरे दिन के टेस्ट के अलग-अलग रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व एडिशनल प्रिंसिपल ही जारी करते थे। जब रविवार को सुबह से कोई रिपोर्ट जारी नहीं की गई तो कॉलेज प्रबंधन से बात की, तभी सामने आया कि आज से लोकल लेवल पर रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी, जो कुछ भी जारी होगा, वह स्टेट से ही जारी होगा।

साेमवार काे प्री-डीएलड की परीक्षा के लिए बनाए कैथून के एक परीक्षा सेंटर के 3 शिक्षक पाॅजिटिव आ गए। परीक्षा में यहां 240 स्टूडेंट्स का नामांकन है। वहीं, स्कूल में तीन से 12 सितंबर तक हाेने वाली सप्लीमेंट्री परीक्षा में 325 स्टूडेंट्स बैठेंगे। स्कूल प्रशासन ने अधिकारियाें काे सूचना दे दी है। कैंपस काे सेनेटाइज करवा दिया है। साथ ही स्टाफ की सैंपलिंग के लिए पत्र लिखा है।

मरीज आ रहे ज्यादा, सरकार बता रही कम
जयपुर से रोज जारी होने वाली टेबल कभी भी लोकल रिपोर्ट से मैच नहीं होती। स्थानीय स्तर पर ज्यादा मरीज की रिपोर्ट जारी की जाती है और जयपुर से जारी टेबल में कम। यानी इससे स्थिति की गंभीरता का अनुमान न तो सरकार को लगेगा और न ही आमजन को।

लोकल रिपोर्ट में उम्र व एरियावाइज सूचना होती थी। अब जयपुर से जारी होने वाली रिपोर्ट में सिर्फ संख्या होगी कि कोटा में इतने मरीज आए और इतनी मौतें हुई? ऐसे में लोगों को यह भी पता नहीं लग सकता कि उनके आसपास कोई मरीज आया क्या? अधिकारियाें के अब आंकड़े छिपाने की आशंका काे नकारा नहीं जा सकता। आमजन नहीं समझ पा रहा कि जयपुर वाली रिपोर्ट में केस इतने कम क्यों हो जाते हैं। इसे लेकर तर्क दिए जाते हैं कि रात के केस अगले दिन जोड़े जाते हैं, लेकिन वह भी नहीं हो रहा। विधायक मदन दिलावर ने भी वीडियो जारी कर कोरोना के आंकड़े छुपाने आरोप लगाया है।(देखिए वीडियो)