नई दिल्ली। भारतीय बीमा विनियामक प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा पॉलिसी के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके लागू होते ही बीमा योजना को बंद करना या बंद पॉलिसी को दोबारा चालू करना आसान हो जाएगा। ऐसे में बीमाधारक को सात साल तक पॉलिसी चलाने के बाद बंद करने पर 90 प्रतिशत तक पैसा वापस मिल जाएगा।
वहीं बीमाधारक की मौत होने पर न्यूनतम सम एश्योर्ड सालाना प्रीमियम के सात गुना से कम नहीं होगा, जो कि पहले तक 10 गुना था। बीमित राशि कम होने से मोर्टेलिटी लागत भी कम होगी, जिससे ज्यादा पैसों का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा और बेहतर रिटर्न मिलेगा। इरडा ने बंद पड़ी बाजार से जुड़ी बीमा पॉलिसी को (दोबारा शुरू कराने) की अवधि दो से तीन वर्ष, और पारंपरिक बीमा उत्पादों के लिए 5 साल कर दी है।
अगर कोई लिंक्ड पॉलिसी रिवाइवल करानी है, तो बीमा कंपनी के पास इसे तीन साल के भीतर दोबारा शुरू करने का विकल्प होगा। अगर कोई यूलिप बीमा पॉलिसी के साथ राइडर लेता है, तो यह पैसा उसकी एनएवी से नहीं काटा जाएगा, बल्कि प्रीमियम के रुप में वसूला जाएगा। इरडा के नए नियमों के बाद अब पेंशन उत्पादों में ज्यादा आंशिक निकासी कर सकेंगे। आपात स्थिति में 25 फीसदी आंशिक निकासी हो सकेगी।