नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार निर्देश देने के बाद भी पुलिस जांच में सहयोग नहीं करने पर गुरुवार को आम्रपाली समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनिल शर्मा और दो अन्य निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इन तीनों ही लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी। इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है।
इन तीनों ही लोगों पर निवेशकों के धन के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि घर खरीदने वाले अभी तक अपना फ्लैट नहीं पा सके हैं। कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस अपराध में शामिल कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा आम्रपाली के निदेशक शिव प्रिय और अजय कुमार को भी इस मामले में गिरफ्तार कर सकती है।
अदालत ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश पुलिस की निगरानी में एक होटल में हिरासत में रखे गए किसी भी निदेशक को गिरफ्तार करने से किसी एजेंसी को कभी नहीं रोका। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा के दक्षिणी दिल्ली स्थित बंगले समेत निजी प्रॉपर्टी को भी अटैच करने के निर्देश दिए। कोर्ट के इस फैसले से यह भी स्पष्ट हो गया कि आम्रपाली ग्रुप के बाकी दो निदेशकों की प्रॉपर्टी को भी अटैच किया जा रहा है।
सर्वोच्च अदालत ने करीब 200 लोगों और कंपनियों को नोटिस जारी किया। इन लोगों पर अदालत द्वारा नियुक्त किए गए फोरेंसिक ऑडिटर्स के साथ सहयोग न करने के आरोप हैं। ये फोरेंसिक ऑडिटर्स आम्रपाली के घर खरीदने वाले लोगों के पैसों की जानकारी को ट्रैक कर रहे हैं। ये कंपनियां और लोग आम्रपाली के साथ आर्थिक लेनदेन में शामिल रहे हैं।