नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेशों से कर्ज लेने के नियमों में ढील देने और गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने फैसला लिया है। रुपये में गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। अर्थव्यवस्था की सेहत की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा, ‘प्रधानमंत्री को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी है। इस निर्णय का मकसद चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाना और विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ाना है, इसके साथ ही सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने और गैर-जरूरी आयात पर अंकुश लगाने का भी फैसला किया है।’
हालांकि, जेटली ने यह नहीं बताया कि किन जिंसों के आयात पर पाबंदी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘बढ़ते कैड के मामले के समाधान के लिए सरकार जरूरी कदम उठाएगी, इसके तहत गैर-जरूरी आयात में कटौती और निर्यात बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे। जिन जिंसों के आयात पर अंकुश लगाया जाएगा, उसके बारे में निर्णय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा। वह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुरूप होगा।’
बताते चलें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 सितंबर को रेकॉर्ड 72.91 तक नीचे गिर गया था। शुक्रवार को यह 71.84 पर बंद हुआ। घरेलू मुद्रा अगस्त से लेकर अब तक करीब 6 प्रतिशत टूटी है। पेट्रोल और डीजल के दाम भी रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।